करवा चौथ 2025: 10 अक्टूबर को मनाया जाएगा सुहाग का पावन व्रत, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और चंद्र दर्शन का समय

करवा चौथ 2025 इस बार 10 अक्टूबर को सर्वार्थ सिद्धि और शिव योग जैसे शुभ संयोग में मनाया जाएगा। महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए निर्जल व्रत रखेंगी। चंद्र दर्शन रात 8:13 बजे होगा, पूजा का मुहूर्त शाम 5:57 से 7:11 बजे तक रहेगा।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 5 October 2025, 3:02 PM IST
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New Delhi: करवा चौथ, भारतीय संस्कृति का ऐसा पावन पर्व है जिसे सुहागिन महिलाएं पूरे श्रद्धा और आस्था से मनाती हैं। यह व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को रखा जाता है। इस दिन महिलाएं निर्जल और निराहार व्रत रखकर अपने पति की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और सुखद वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं।

इस बार करवा चौथ शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा, जो कई शुभ योगों से युक्त है।

करवा चौथ 2025 की तिथि और व्रत का दिन

  • चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 9 अक्टूबर 2025, रात 10:54 बजे
  • चतुर्थी तिथि समाप्त: 10 अक्टूबर 2025, शाम 7:38 बजे
  • व्रत की तिथि (उदया तिथि अनुसार): 10 अक्टूबर 2025 (शुक्रवार)

हिंदू धर्म में उदया तिथि को मान्यता दी जाती है, इस कारण करवा चौथ का व्रत 10 अक्टूबर को ही रखा जाएगा।

Karva Chauth 2025

करवा चौथ शुभ मुहूर्त

करवा चौथ पर शुभ संयोग और योग

इस वर्ष करवा चौथ पर सर्वार्थ सिद्धि योग और शिव योग का निर्माण हो रहा है, जो व्रत को और भी फलदायी बना रहा है। साथ ही इस दिन चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में स्थित रहेगा, जो विवाह संबंधी कार्यों के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है।

ज्योतिषाचार्या नीतिका शर्मा के अनुसार, इस दिन मां करवा की पूजा और चंद्रमा को अर्घ्य देने से दांपत्य जीवन में चल रही समस्याएं समाप्त होती हैं और प्रेम व विश्वास बढ़ता है।

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पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि

  • करवा चौथ पूजा मुहूर्त: शाम 5:57 से शाम 7:11 बजे तक
  • चंद्रमा उदय (दर्शन का समय): रात 8:13 बजे

इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं, कथा सुनती हैं और फिर चंद्रमा के दर्शन व अर्घ्य के बाद व्रत खोलती हैं। चलनी से पति का चेहरा देखना इस दिन की पारंपरिक परंपरा है, जिसे प्रेम और समर्पण का प्रतीक माना जाता है।

क्यों रखा जाता है निर्जल व्रत?

करवा चौथ पर व्रत रखने वाली महिलाएं पूरे दिन बिना अन्न और जल ग्रहण किए उपवास करती हैं। यह व्रत केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि वैवाहिक रिश्तों में विश्वास, प्रेम और आत्मीयता को और मजबूत करता है। मान्यता है कि इस दिन जो महिला श्रद्धा से व्रत करती है, उसे सौभाग्य और वैवाहिक सुख की प्राप्ति होती है।

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विशेष मान्यताएं

  • मां करवा को सौभाग्य की देवी माना जाता है।
  • चंद्रमा को शीतलता और शांति का प्रतीक मानकर उसे अर्घ्य दिया जाता है।
  • इस दिन संध्या के समय कथा श्रवण और जागरण करने से व्रत का फल और बढ़ जाता है।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 5 October 2025, 3:02 PM IST

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