हमास को झटका: आर्थिक संकट के गहरे दलदल में फंसा आतंकी संगठन, लड़ाकों को वेतन देने तक के नहीं बचे पैसे

करीब डेढ़ साल से चल रहे युद्ध में अब आतंकी संगठन हमास की कमर टूटती नजर आ रही है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 25 May 2025, 4:52 PM IST
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नई दिल्ली: इजरायल के साथ करीब डेढ़ साल से चल रहे युद्ध में अब आतंकी संगठन हमास की कमर टूटती नजर आ रही है। युद्ध के दौरान इजरायल द्वारा किए गए सख्त सैन्य अभियानों और हमलों ने न केवल संगठन की लीडरशिप को निशाना बनाया बल्कि उसके आर्थिक स्रोतों को भी तहस-नहस कर दिया है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हमास इस वक्त गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है और संगठन के पास अपने लड़ाकों को वेतन देने तक के पैसे नहीं बचे हैं।

चार महीनों में सिर्फ 240 डॉलर का भुगतान

हमास अपने लड़ाकों को पिछले चार महीनों में केवल 240 अमेरिकी डॉलर का भुगतान कर पाया है। आतंकी संगठन के अंदरूनी सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि इस संकट का असर सीधे तौर पर संगठन के लड़ाकों के मनोबल पर पड़ा है। आर्थिक बदहाली के चलते हमास के आतंकी अब भविष्य को लेकर असमंजस में हैं। उनके आत्मविश्वास में गिरावट दर्ज की गई है, जिससे संगठन की सैन्य शक्ति पर भी असर पड़ा है।

Israel Hamas War (Source-Internet)

इजराइल हमास युद्ध (सोर्स-इंटरनेट)

हमास की लीडरशिप को दो बार खो चुका है संगठन

7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुए युद्ध के बाद से अब तक हमास की टॉप लीडरशिप दो बार इजरायली हमलों में मारी जा चुकी है। यह नेतृत्व की भारी क्षति संगठन के रणनीतिक संचालन और आंतरिक ढांचे को बुरी तरह प्रभावित कर चुकी है। जानकारों का मानना है कि लीडरशिप के नुकसान ने हमास के फैसलों की दिशा और संगठनात्मक ताकत को कमजोर किया है।

गाजा में इजरायली हमले जारी

वहीं गाजा में इजरायली सेना का हमला लगातार जारी है। शनिवार को हुए ताजा हमले में गाजा के दक्षिणी हिस्से खान यूनुस में 9 बच्चों और दो डॉक्टरों की मौत की खबर है। हालांकि, इस पर अभी तक इजरायल की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।

इजरायल का स्पष्ट रुख है कि वह तब तक अपने सैन्य अभियान को नहीं रोकेगा जब तक हमास का पूरी तरह से सफाया नहीं हो जाता। इसके चलते गाजा में हालात और अधिक खराब होते जा रहे हैं।

इजरायल पर बढ़ रही वैश्विक आलोचना

दुनिया भर में इजरायल की नीतियों को लेकर आलोचना हो रही है, खासकर गाजा में मानवीय मदद न पहुंचने देने के मुद्दे पर। कई देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने इजरायल से अपील की है कि वह युद्धग्रस्त क्षेत्रों में राहत और सहायता कार्यों की अनुमति दे। लेकिन इसके विपरीत इजरायल ने अपना ऑपरेशन और तेज कर दिया है, जिससे गाजा के हालात और भी भयावह हो गए हैं।

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