

जापान एक बार फिर भूकंप की चपेट में आ गया है। शनिवार, 5 जुलाई 2025 को जापान के तात्सुगो क्षेत्र में रिक्टर स्केल पर 5.4 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। इसका केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर गहराई में स्थित था। इससे पहले अमामी कागोशिमा क्षेत्र में भी 5.5 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया था। जापान की यह भूगर्भीय स्थिति इसे दुनिया के सबसे ज्यादा भूकंप प्रभावित देशों में शामिल करती है।
जापान भूकंप 2025 (सोर्स-गूगल)
New Delhi: जापान के तात्सुगो इलाके में शनिवार को एक बार फिर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। स्थानीय समय अनुसार यह भूकंप 5 जुलाई को आया और इसकी तीव्रता 5.4 मापी गई। इसका एपीसेंटर जमीन के अंदर करीब 10 किलोमीटर की गहराई में था। हाल ही में जापान के अमामी कागोशिमा क्षेत्र में भी इसी तरह के भूकंप झटके महसूस किए गए थे, जिसकी तीव्रता 5.5 थी।
जापान की भौगोलिक स्थिति इसे विशेष रूप से भूकंप के प्रति संवेदनशील बनाती है। यह देश प्रशांत महासागर के "रिंग ऑफ फायर" (Ring of Fire) पर स्थित है, जहां तीन प्रमुख टेक्टोनिक प्लेट्स पैसिफिक, फिलिपींस और यूरेशियन प्लेट्स आपस में मिलती हैं। इस कारण जापान में लगभग हर दिन कहीं न कहीं भूकंप के झटके आते रहते हैं।
तोकारा द्वीप समूह में बढ़ी हलचल
जापान का तोकारा द्वीप समूह इन दिनों भूकंपीय गतिविधियों का केंद्र बना हुआ है। द गार्डियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 23 जून 2025 को तोकारा आईलैंड्स में एक ही दिन में 183 बार धरती हिली। यह आंकड़ा किसी भी सामान्य दिन की तुलना में कई गुना अधिक है। इसके बाद 26 जून को 15, 27 जून को 16, 28 जून को 34 और 29 जून को 98 भूकंप दर्ज किए गए।
तोकारा क्षेत्र में कुल 12 छोटे द्वीप हैं, जहां लगभग 700 लोग रहते हैं। यहां पर बार-बार आने वाले भूकंपों के कारण स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है।
इतिहास भी रहा है भूकंपों से भरा
तोकारा द्वीप समूह का भूकंपों से पुराना नाता रहा है। सितंबर 2024 में यहां 346 भूकंप दर्ज किए गए थे, जबकि दिसंबर 2021 में 308 बार धरती हिली थी। इससे यह स्पष्ट होता है कि यह क्षेत्र भूगर्भीय रूप से अत्यधिक सक्रिय है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह भूकंपीय झुंड (Earthquake Swarm) का हिस्सा हो सकता है, जिसमें एक निश्चित समय में लगातार भूकंप आते रहते हैं।
जापान की आपदा प्रबंधन व्यवस्था अलर्ट पर
बार-बार आने वाले इन भूकंपों के चलते जापान की आपदा प्रबंधन एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। नागरिकों को सतर्कता बरतने और आपातकालीन किट तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं।
हालांकि अब तक इन भूकंपों से किसी तरह की जनहानि या बड़ी क्षति की सूचना नहीं मिली है, लेकिन वैज्ञानिक मानते हैं कि यह हलचल किसी बड़े भूकंप का संकेत भी हो सकती है।