मसूद अजहर का एक सनसनीखेज ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उसने जम्मू की कोट भलवाल जेल से भागने की कोशिश का खुलासा किया है। इस क्लिप में अजहर ने जेल में हुई शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना को भी बताया। भारतीय सुरक्षा एजेंसियां अब इस ऑडियो की सत्यता की जांच कर रही हैं।

मसूद अजहर
Islamabad: पाकिस्तान का आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर का एक ऑडियो क्लिप इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस क्लिप में अजहर खुद कबूल कर रहा है कि 1990 के दशक में जम्मू की हाई सिक्योरिटी कोट भलवाल जेल से वह और उसके साथी कैदी सुरंग खोदकर भागने की कोशिश कर रहे थे। यह खुलासा भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक नई चुनौती बन सकता है।
ऑडियो क्लिप में अजहर ने भावुक और डरे हुए लहजे में बताया कि उसने जेल में औजार मंगवाए थे और कई हफ्तों तक मेहनत करके एक सुरंग खोदी थी। अजहर के अनुसार, सुरंग लगभग पूरी हो चुकी थी और जेल से भागने का दिन भी तय कर लिया गया था। लेकिन ठीक उसी दिन जेल अधिकारियों को सुरंग का पता चल गया और पूरी योजना नाकाम हो गई। अजहर और उसके साथियों को पकड़ लिया गया और उनकी सजा का सिलसिला शुरू हो गया।
पकड़े जाने के बाद अजहर और उसके साथी कैदियों के साथ बेहद बुरा व्यवहार किया गया। अजहर ने बताया कि उन्हें इतनी बुरी तरह पीटा गया कि उनका शरीर खून से लथपथ हो गया और सूजन के कारण वे डबल रोटी की तरह फूल गए थे। जेल में सख्ती इतनी बढ़ गई थी कि उन्हें बाथरूम जाने की अनुमति नहीं थी और उन्हें जंजीरों से बांधकर रखा गया। इस कठिन सजा के दौरान अजहर को मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा, जो आज भी उसकी यादों में बसा हुआ है।
ऑडियो क्लिप में अजहर ने उस अधिकारी का जिक्र किया है, जिसने उन्हें जंजीरों से बांधकर गालियां दीं और पूछताछ के दौरान उनसे बार-बार औजारों के बारे में पूछा। अजहर ने इस घटना को 'मानसिक तनाव' और 'सदमे' के रूप में याद किया, जो आज भी उसे परेशान करता है। उसने बताया कि जेल अधिकारियों के खौफ ने उसे कभी शांतिपूर्वक जीने नहीं दिया और आज भी वह उन दिनों की यादों को लेकर डरा हुआ है। अजहर का कहना था कि उसने जीवित रहने के लिए लगातार प्रार्थना की थी।
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मसूद अजहर का जन्म 10 जुलाई 1968 को पाकिस्तान के बहावलपुर में हुआ था। उसने कराची के एक मदरसे में पढ़ाई की और बाद में अफगानिस्तान में सोवियत सेना के खिलाफ लड़ाई लड़ी। बाद में वह हरकत-उल-अंसार संगठन से जुड़ गया। फरवरी 1994 में अजहर नकली पुर्तगाली पासपोर्ट पर भारत में घुसा और जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद फैलाने और आतंकियों की भर्ती करने की कोशिश की। वह अनंतनाग में गिरफ्तार हुआ और 1994 से 1999 तक जेल में रहा। शुरुआत में श्रीनगर की जेल में, फिर दिल्ली की तिहाड़ जेल और अंत में जम्मू की कोट भलवाल जेल में उसे रखा गया।
अजहर को 1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-814 के हाईजैक के बाद भारतीय सरकार ने यात्रियों की रिहाई के बदले रिहा किया। रिहाई के बाद उसने जैश-ए-मोहम्मद नामक आतंकी संगठन की स्थापना की, जो बाद में संसद हमले (2001), पुलवामा हमले और अन्य बड़े आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार रहा। मसूद अजहर को भारत का मोस्ट वांटेड आतंकी माना जाता है और संयुक्त राष्ट्र ने उसे ग्लोबल आतंकी घोषित किया है।
इस सनसनीखेज ऑडियो क्लिप के सामने आने के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियां इसकी सत्यता की जांच कर रही हैं। यह पहली बार है जब मसूद अजहर ने खुद इस प्रकार की जानकारी दी है, जो भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। इस खुलासे से अजहर के खिलाफ चल रही कानूनी और सुरक्षा कार्यवाहियों में भी मदद मिल सकती है।