डेलॉइट की एआई रिपोर्ट में बड़ी गलती, क्या ऑस्ट्रेलियाई सरकार को लौटाने होंगे रुपये ?

डेलॉइट को अपनी एक एआई जनरेटेड रिपोर्ट में हुई गलतियों की वजह से ऑस्ट्रेलियाई सरकार को करीब ₹2.9 करोड़ वापस करने पड़ेंगे। रिपोर्ट में झूठे रेफरेंस और मनगढ़ंत डेटा पाए गए, जिसके बाद कंपनी ने गलती स्वीकार कर रिफंड पर सहमति जताई।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 7 October 2025, 3:05 PM IST
google-preferred

London: मल्टीनेशनल प्रोफेशनल सर्विसेज कंपनी डेलॉइट (Deloitte) की एक एआई आधारित रिपोर्ट ने कंपनी को मुश्किल में डाल दिया है। ऑस्ट्रेलियाई सरकार के लिए तैयार की गई इस रिपोर्ट में गंभीर गलतियां पाई गईं, जिसके चलते कंपनी को अब सरकार को लगभग 2.9 करोड़ रुपये (440,000 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर) लौटाने होंगे।

योजनाओं के तहत तय शर्तें

दरअसल, 2024 में ऑस्ट्रेलिया के Department of Employment and Workplace Relations (DEWR) ने डेलॉइट को Targeted Compliance Framework (TCF) और उससे जुड़े आईटी सिस्टम की समीक्षा का जिम्मा सौंपा था। यह सिस्टम उन बेरोजगारों पर स्वचालित पेनल्टी (automatic penalty) लगाता है जो वेलफेयर योजनाओं के तहत तय शर्तें पूरी नहीं करते।

डेलॉइट ने यह रिपोर्ट जुलाई 2025 में जारी की थी, लेकिन बाद में इसमें कई खामियां सामने आईं। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक रिपोर्ट में झूठे रेफरेंस, मनगढ़ंत उद्धरण और गलत निष्कर्ष शामिल थे। इन त्रुटियों का खुलासा Australian Financial Review (AFR) ने किया, जिसके बाद कंपनी की जमकर आलोचना हुई।

Deloitte company

डेलॉइट की एआई रिपोर्ट में चूक

सरकार को लौटानी होगी रकम

DEWR ने पुष्टि की कि रिपोर्ट में तकनीकी और तथ्यात्मक गलतियां हैं। विभाग ने कहा कि रिफंड की प्रक्रिया पूरी होने के बाद डेलॉइट आखिरी किस्त सरकार को लौटा देगा। शुक्रवार को विभाग ने रिपोर्ट का संशोधित संस्करण जारी किया, जिसमें यह स्पष्ट किया गया कि रिपोर्ट के कुछ हिस्से Azure OpenAI GPT-4o मॉडल की मदद से तैयार किए गए थे।

सिडनी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर क्रिस्टोफर रज (Christopher Rudge) ने कहा कि रिपोर्ट में दिखी गलतियां एआई की hallucination का नतीजा हैं यानी जब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथ्य आधारित जानकारी के बजाय मनगढ़ंत या झूठे डेटा तैयार करता है।

London: पेरिस से राहुल गांधी ने केंद्र पर साधा निशाना, बीजेपी जो करती है उसका हिंदू धर्म से कोई मतलब नहीं

तथ्यों को सुधारा गया

इस मामले पर डेलॉइट ने सफाई देते हुए कहा कि एआई टूल्स के इस्तेमाल का रिपोर्ट की “मुख्य सामग्री, निष्कर्ष या रेफरेंस” पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ा। कंपनी ने यह भी कहा कि अपडेटेड रिपोर्ट में तथ्यों को सुधारा गया है और यह मामला अब सरकार के साथ सीधे सुलझा लिया गया है।

हालांकि, लेबर पार्टी की सीनेटर डेबोरा ओनील (Deborah O’Neill) ने कंपनी की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, “डेलॉइट को इंसानी समझ की समस्या है। यह मजाकिया होता अगर इतना शर्मनाक न होता। यह आधा रिफंड, घटिया काम के लिए आधा माफीनामा है।” उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि “शायद सरकार को बड़ी कंसल्टिंग कंपनियों को रखने के बजाय सीधे ChatGPT का सब्सक्रिप्शन ले लेना चाहिए।”

London: देश की खातिर विदेशी जमीन पर भिड़ गईं भारत की मुस्लिम बेटियां, वायरल हुआ Video

यह घटना प्रोफेशनल सर्विस कंपनियों के लिए एक बड़ा सबक मानी जा रही है, खासकर तब जब रिपोर्ट तैयार करने में जनरेटिव एआई (Generative AI) का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। यह मामला इस बात को भी रेखांकित करता है कि सरकारी या संवेदनशील प्रोजेक्ट्स में एआई का उपयोग पारदर्शिता और मानव निगरानी के साथ ही किया जाना चाहिए।

Location : 
  • London

Published : 
  • 7 October 2025, 3:05 PM IST