New Delhi: भीषण गर्मी का मौसम न केवल असहनीय होता है, बल्कि कई बार यह जानलेवा भी बन सकता है। हर साल भारत सहित दुनिया के कई हिस्सों में गर्मियों के दौरान हीट स्ट्रोक से सैकड़ों लोगों की मौत हो जाती है। जब शरीर का तापमान अत्यधिक गर्मी के कारण सामान्य सीमा (लगभग 37 डिग्री सेल्सियस) से बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, और शरीर उसे नियंत्रित नहीं कर पाता, तो यह स्थिति हीट स्ट्रोक कहलाती है। यह एक मेडिकल इमरजेंसी है और समय पर इलाज न मिलने पर जान भी जा सकती है।
क्या है हीट स्ट्रोक?
हीट स्ट्रोक तब होता है जब शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक हो जाता है और शरीर उसे ठंडा करने में असमर्थ हो जाता है। यह स्थिति तब और खतरनाक हो जाती है जब व्यक्ति लू में ज्यादा समय बिताता है, विशेष रूप से दोपहर 12 से शाम 4 बजे के बीच।
हीट स्ट्रोक के लक्षण
- अत्यधिक पसीना आना या बिल्कुल न आना
- चक्कर आना या बेहोशी
- सिरदर्द और मांसपेशियों में कमजोरी
- तेज़ धड़कन और उल्टी
- भ्रम की स्थिति या बोलने में कठिनाई
- त्वचा का लाल और सूखा होना
किन लोगों को ज्यादा खतरा होता है?
- बुजुर्ग और छोटे बच्चे
- उच्च रक्तचाप, डायबिटीज़ और हृदय रोग से ग्रस्त लोग
- अधिक वजन वाले व्यक्ति
- खुले में काम करने वाले मजदूर, ट्रैफिक पुलिस, किसान आदि
हीट स्ट्रोक से बचाव के उपाय
1. धूप में निकलने से बचें: खासकर दोपहर के समय जब गर्मी चरम पर होती है।
2. हल्के और ढीले कपड़े पहनें: कपड़े कॉटन के हों ताकि त्वचा सांस ले सके।
3. पानी भरपूर पीएं: हर एक घंटे में पानी पिएं, भले ही प्यास न लगे।
4. ओआरएस और नींबू पानी लें: शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी न होने दें।
5. छाया में रहें: धूप में खड़े होने से बचें और जहां संभव हो वहां ठंडे स्थान पर रहें।
6. बिना सिर ढंके बाहर न निकलें: छाता, टोपी या गमछे का इस्तेमाल करें।
7. गाड़ी में अकेले बच्चों या पालतू जानवरों को न छोड़ें: गर्मी में गाड़ी के अंदर का तापमान घातक हो सकता है।
क्या करें अगर हीट स्ट्रोक हो जाए
- व्यक्ति को तुरंत ठंडी जगह पर लाएं।
- कपड़ों को ढीला करें और शरीर को ठंडे पानी से पोंछें।
- ठंडा पानी या ओआरएस पिलाएं (अगर होश में हो)।
- हालत गंभीर हो तो तुरंत डॉक्टर को बुलाएं या अस्पताल ले जाएं।