Mumbai: भारतीय संगीत जगत ने एक और बड़ा सितारा खो दिया है। असम के मशहूर सिंगर और कंपोजर जुबीन गर्ग का 52 साल की उम्र में निधन हो गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जुबीन सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग कर रहे थे, इसी दौरान उन्हें हादसे का सामना करना पड़ा। अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके। उनके निधन की खबर से संगीत प्रेमियों और बॉलीवुड इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है।
मेघालय में जन्म, असम में परवरिश
जुबीन गर्ग का जन्म 18 नवंबर 1972 को मेघालय में हुआ था, लेकिन उनकी परवरिश असम में हुई। संगीत का शौक उन्हें बचपन से था और उन्होंने बहुत कम उम्र में ही संगीत की औपचारिक शिक्षा लेनी शुरू कर दी थी। महज 20 साल की उम्र में उन्होंने अपना पहला असमिया एल्बम “अनामिका” 1992 में रिलीज किया, जिसने उन्हें स्थानीय स्तर पर पहचान दिलाई।
“या अली” ने दिलाई पहचान
जुबीन गर्ग का करियर असम तक सीमित नहीं रहा। उन्होंने बॉलीवुड में भी अपनी आवाज का जादू बिखेरा। साल 2006 में रिलीज हुई फिल्म गैंगस्टर का गाना “या अली” उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ। इस गाने ने उन्हें रातों-रात स्टार बना दिया और उन्हें फिल्मफेयर, IIFA और स्टारडस्ट जैसे बड़े अवॉर्ड्स से नवाजा गया।
इसके अलावा उन्होंने “दिल से”, “फिजा”, “मुझे कुछ कहना है”, “कृष 3” और “नमस्ते लंदन” जैसी फिल्मों में भी गाने गाए। उनकी आवाज की जादुई पकड़ ने उन्हें भारत के साथ-साथ विदेशों में भी लोकप्रिय बना दिया।
सिर्फ सिंगर नहीं, कई कला विधाओं में माहिर
जुबीन गर्ग ने अपने करियर में 40 से ज्यादा भाषाओं में लगभग 38,000 गाने रिकॉर्ड किए थे। इस वजह से उन्हें भारत के सबसे ज्यादा प्रोडक्टिव सिंगर्स में गिना जाता है। वे सिर्फ गायक ही नहीं थे, बल्कि संगीतकार, गीतकार, एक्टर, निर्देशक और कवि भी थे। उन्होंने कई असमिया फिल्मों का निर्माण और निर्देशन किया और क्षेत्रीय सिनेमा में भी अहम योगदान दिया।
नेटवर्थ और कमाई
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जुबीन गर्ग की कुल नेटवर्थ 6 मिलियन डॉलर से 8 मिलियन डॉलर के बीच आंकी गई थी। भारतीय मुद्रा में यह लगभग 50 से 65 करोड़ रुपये होती है। उनकी कमाई का बड़ा हिस्सा फिल्मों और एल्बम्स से आता था। इसके अलावा वे लाइव कॉन्सर्ट, ब्रांड एंडोर्समेंट और यूट्यूब चैनल से भी मोटी कमाई करते थे।
असम और भारत के लिए बड़ी क्षति
जुबीन गर्ग न केवल असम के सांस्कृतिक प्रतीक थे, बल्कि उन्होंने पूरे भारत में संगीत प्रेमियों के दिलों में अपनी जगह बनाई। उनके निधन पर सोशल मीडिया पर फैंस और सेलेब्स शोक जता रहे हैं। असम के राजनीतिक और सांस्कृतिक जगत ने भी इसे एक अपूरणीय क्षति बताया है।
संगीत की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाने वाले जुबीन भले ही अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी आवाज और गाने हमेशा लोगों के दिलों में गूंजते रहेंगे।

