

सिद्धांत चतुर्वेदी और तृप्ति डिमरी स्टारर ‘धड़क 2’ जातिवाद की पृष्ठभूमि पर आधारित एक सशक्त प्रेम कहानी है। फिल्म को सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है, लेकिन एक्टिंग और ईमानदारी से कही गई कहानी के लिए दर्शकों की सराहना मिल रही है।
धड़क 2 फिल्म रिव्यू (Img: Pinterest)
Mumbai: 1 अगस्त 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई फिल्म 'धड़क 2' ने पहले ही दिन दर्शकों के दिलों में जगह बना ली है। यह फिल्म न केवल एक युवा प्रेम कहानी को दर्शाती है, बल्कि जातिवाद जैसे संवेदनशील और प्रासंगिक सामाजिक मुद्दे को भी गहराई से उजागर करती है। फिल्म में सिद्धांत चतुर्वेदी, तृप्ति डिमरी, सौरभ सचदेवा, विपिन शर्मा, और जाकिर हुसैन जैसे कलाकारों ने अहम भूमिकाएं निभाई हैं।
क्या है कहानी का सार
फिल्म की कहानी भोपाल के लॉ कॉलेज में पढ़ने वाले दो छात्रों नीलेश (सिद्धांत चतुर्वेदी) और विधि (तृप्ति डिमरी) के इर्द-गिर्द घूमती है। नीलेश एक दलित परिवार से ताल्लुक रखता है और आरक्षण के माध्यम से कॉलेज में एडमिशन लेता है। वहीं विधि एक ऊंची जाति की लड़की है, जो जात-पात में विश्वास नहीं रखती। दोनों के बीच गहरी दोस्ती होती है, जो प्यार में बदल जाती है।
कहानी उस समय मोड़ लेती है जब विधि का भाई रोनी (साद बिलग्रामी) इस रिश्ते का विरोध करता है और नीलेश को धमकाने और खत्म करने की योजना बनाता है। इस संघर्ष में प्रेम, सामाजिक भेदभाव, हिंसा और न्याय की तलाश जैसी कई परतें दर्शकों के सामने आती हैं।
संघर्ष और सामाजिक टकराव
फिल्म जातिवाद की कटु सच्चाई को उजागर करती है। विधि का भाई रोनी (साद बिलग्रामी) इस रिश्ते से नाराज होता है और नीलेश को सबक सिखाने के लिए शंकर (सौरभ सचदेव) को सुपारी देता है। यह कहानी सिर्फ प्रेम की नहीं, बल्कि सामाजिक असमानता और युवा विरोध की एक गूंज है।
अभिनय और निर्देशन
फिल्म में सिद्धांत चतुर्वेदी ने नीलेश के किरदार में बेहतरीन भावनात्मक गहराई और ईमानदारी दिखाई है। एक दलित युवक के संघर्ष, आत्मसम्मान और प्रेम को उन्होंने संजीदगी से निभाया है। वहीं तृप्ति डिमरी ने विधि के रूप में एक सशक्त और संवेदनशील प्रदर्शन किया है।
फिल्म का निर्देशन शाजिया इकबाल ने किया है, जिन्होंने कहानी को बड़े ही परिपक्व तरीके से पर्दे पर उतारा है। उन्होंने जातिवाद जैसे संवेदनशील मुद्दे को बिना उपदेशात्मक हुए दर्शाया है। कई सीन बेहद असरदार हैं, जो दर्शकों को सोचने पर मजबूर करते हैं।
समीक्षा और प्रतिक्रिया
फिल्म को लेकर सोशल मीडिया पर शानदार प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं। कई यूजर्स ने फिल्म को ‘दिल और दिमाग को छू जाने वाली’ बताया है। एक ट्विटर यूजर ने लिखा, “धड़क 2 में साहसिक कहानी, ईमानदार अभिनय और सामाजिक संदेश तीनों का बेहतरीन मेल है।”
दूसरे ने लिखा, “फिल्म जातिवाद पर एक ऐसा आइना दिखाती है, जिसे देखने की हिम्मत हर किसी में नहीं होती।”
सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया
फिल्म को लेकर ट्विटर पर भी दर्शकों का अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। एक यूज़र ने लिखा, "धड़क 2 सामाजिक मुद्दों पर बनी फिल्मों में साहस और ईमानदारी का बेहतरीन उदाहरण है।" वहीं दूसरे ने कहा, "यह फिल्म शहरों के नकली मुखौटे को हटाकर असल जातिवाद को दिखाती है।"