Dhadak 2: ‘धड़क 2’ को सेंसर बोर्ड से हरी झंडी, 16 कट्स के बाद मिला U/A सर्टिफिकेट

करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शन के बैनर तले बनी फिल्म ‘धड़क 2’ को लेकर लंबे समय से चर्चा चल रही थी। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 25 May 2025, 6:01 PM IST
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नई दिल्ली: करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शन के बैनर तले बनी फिल्म 'धड़क 2' को लेकर लंबे समय से चर्चा चल रही थी। एक तरफ जहां 78वें कान्स फिल्म फेस्टिवल में धर्मा की फिल्म 'होमबाउंड' को स्टैंडिंग ओवेशन मिला, वहीं दूसरी तरफ 'धड़क 2' को अपने ही देश में सेंसर बोर्ड की कड़ी निगरानी से गुजरना पड़ा। आखिरकार सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) ने 16 अहम कट और बदलावों के बाद फिल्म को U/A सर्टिफिकेट जारी कर दिया है।

Karan Johar (Source-Internet)

करण जौहर (सोर्स-इंटरनेट)

फिल्म में किए गए 11 अहम बदलाव

शाजिया इकबाल के निर्देशन में बनी यह फिल्म सामाजिक और जातिगत मुद्दों को संवेदनशील तरीके से दिखाती है। लेकिन सेंसर बोर्ड को कुछ डायलॉग और सीन आपत्तिजनक लगे, जिसके चलते मेकर्स को फिल्म में कई बड़े बदलाव करने को कहा गया।

राजनीतिक संवादों में बदलाव

फिल्म में एक संवाद था - "3000 साल का बैकलॉग 70 साल में पूरा नहीं होगा।" इसे बदलकर "इतने सालों का बैकलॉग सिर्फ़ 70 साल में पूरा नहीं हो सकता" कर दिया गया।

प्रतीकात्मक संवादों में बदलाव

कांशीराम की विचारधारा को दर्शाने वाला एक संवाद - "ये कलम देखो, ये दुनिया पर राज कर रहे हैं", को बदलकर "ये छोटा ढक्कन पूरी कलम का एक छोटा सा हिस्सा है और बाकी हम हैं..." कर दिया गया।

जातिवादी शब्दों को हटाया गया

फिल्म में मौजूद जातिवादी शब्दों को म्यूट करके 'जंगली' जैसे शब्दों से बदल दिया गया है।

धार्मिक संदर्भों वाले संवादों में बदलाव

"ये धर्म का काम है" संवाद को बदलकर "ये पुण्य का काम है" कर दिया गया है।

सामाजिक अन्याय को दर्शाने वाले संवादों में बदलाव

"सवर्णों की सड़क... हमें जलते थे..." संवाद की जगह "न सड़क हमारी थी, न ज़मीन हमारी थी..." जैसे व्यापक संवाद रखे गए हैं।

महिलाओं के विरुद्ध हिंसा को दर्शाने वाले दृश्य हटा दिए गए हैं

महिलाओं के विरुद्ध हिंसा को दर्शाने वाले दृश्यों को बदलकर ब्लैक स्क्रीन कर दिया गया है।

कविताओं और दोहों पर सेंसरशिप

फिल्म में संत तुलसीदास के दोहे पर आधारित कविता 'ठाकुर का कुआं' और गीत को भी संशोधित किया गया है।

डिस्क्लेमर में बदलाव

पहले 20 सेकंड का डिस्क्लेमर अब 1 मिनट 51 सेकंड का कर दिया गया है और इसे स्पष्ट और ऊंची आवाज़ में पढ़ने के निर्देश दिए गए हैं।

आपत्तिजनक दृश्य हटाए गए

फिल्म में नायक नीलेश (दलित पात्र) पर पेशाब करने और उसके पिता का अपमान करने वाले दृश्य को छोटा कर दिया गया है।

सिद्धांत और तृप्ति की नई जोड़ी

इस बार दर्शकों को धड़क 2 में एक नई जोड़ी देखने को मिलेगी - सिद्धांत चतुर्वेदी और तृप्ति डिमरी। फिल्म की कहानी नीलेश और विदिशा के प्रेम संबंधों के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अलग-अलग जातियों से ताल्लुक रखते हैं। फिल्म का मुख्य कथानक यह है कि जातिगत भेदभाव और सामाजिक तनाव के बीच दोनों की प्रेम कहानी कैसे आगे बढ़ती है।

एक ऐसी फिल्म जो सामाजिक मुद्दों पर खुलकर बोलती है

जहां पहली धड़क फिल्म एक हल्की-फुल्की प्रेम कहानी थी, वहीं धड़क 2 सामाजिक और राजनीतिक परतों को कहीं ज़्यादा छूती है। यही वजह है कि यह फिल्म सेंसर बोर्ड की तीखी जांच के दायरे में आई।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 25 May 2025, 6:01 PM IST

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