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UP SIR: यूपी का एसआईआर बिहार से अलग? जानिये वो फैक्टर जिनसे वोटर लिस्ट में रहेगा या कटेगा आपका नाम

उत्तर प्रदेश में वोटर लिस्ट अपडेट के लिए एसआईआर (Systematic Identification and Registration) प्रक्रिया क्या बिहार से अलग है। जानिए कौन-कौन से फैक्टर आपके नाम को वोटर लिस्ट में बनाए रखते हैं और किन कारणों से नाम कट सकता है।
Post Published By: Poonam Rajput
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UP SIR: यूपी का एसआईआर बिहार से अलग? जानिये वो फैक्टर जिनसे वोटर लिस्ट में रहेगा या कटेगा आपका नाम

Lucknow/Patna: उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों से पहले विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण कार्यक्रम (Special Intensive Revision) चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत वोटर लिस्ट को अपडेट करने और नई मतदाता पहचान सुनिश्चित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। हालांकि बिहार में भी मतदाता पंजीकरण की प्रक्रिया चलती है, यूपी का एसआईआर (Systematic Identification and Registration) तकनीकी और नियमों के मामले में अलग है।

UP और बिहार के एसआईआर में अंतर

यूपी में वोटर सूची का प्रबंधन चुनाव आयोग और NVSP पोर्टल के तहत किया जाता है। बिहार में भी यह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से होता है, लेकिन यूपी में अधिक सख्ती के साथ वोटर का पता, जन्मतिथि और आधार नंबर सीधे लिंक होते हैं। नए नाम जोड़ने और अपडेट की प्रक्रिया तेज और पारदर्शी होती है। वोटर लिस्ट में नाम कटने या बने रहने का निर्णय बीएलओ और निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा लिया जाता है। बिहार में एसआईआर की प्रक्रिया थोड़ी धीमी और वेरिफिकेशन में समय लेने वाली है, जबकि यूपी में विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण कार्यक्रम से यह प्रक्रिया व्यवस्थित और सुनिश्चित होती है।

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विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा

क्र.सं. विवरण दिनांक
1 तैयारी, प्रशिक्षण और गणना प्रपत्रों का मुद्रण 28 अक्टूबर – 03 नवम्बर, 2025
2 बीएलओ द्वारा घर-घर जाकर गणना प्रपत्र उपलब्ध कराना 04 नवम्बर – 04 दिसम्बर, 2025
3 निर्वाचक नामावली का आलेख्य प्रकाशन 09 दिसम्बर, 2025
4 दावे और आपत्तियां दाखिल करने की अवधि 09 दिसम्बर, 2025 – 08 जनवरी, 2026
5 नोटिस जारी करना, सुनवाई, सत्यापन और दावे एवं आपत्तियों का निस्तारण 09 दिसम्बर, 2025 – 31 जनवरी, 2026
6 निर्वाचक नामावली का अंतिम प्रकाशन 07 फरवरी, 2026

नाम बने रहने वाले मुख्य फैक्टर

  1. सही पता और निवास प्रमाण – यदि आप लगातार 6 महीने या अधिक समय से अपने पते पर रहते हैं और जानकारी अपडेट है, तो नाम रहेगा।
  2. आधार और जन्मतिथि का मेल – आधार में दर्ज जन्मतिथि और मतदाता फॉर्म की जानकारी सही हो।
  3. सही जानकारी दर्ज करना – फॉर्म में गलती या अधूरी जानकारी होने पर नाम कट सकता है।
  4. समय पर फॉर्म अपडेट – नाम, पता या विवाह आदि में बदलाव होने पर तुरंत Form 6 या Form 8 भरें।

नाम कटने की संभावित वजहें

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कैसे चेक करें नाम

वोटर लिस्ट में अपना नाम NVSP वेबसाइट या Voter Helpline App से चेक कर सकते हैं। यदि नाम गायब है या अपडेट की आवश्यकता है, तो ऊपर बताए गए फॉर्म भरकर सुधार कर सकते हैं।

यूपी का एसआईआर बिहार से तकनीकी रूप से अलग है। विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण कार्यक्रम से मतदाता सूची अधिक व्यवस्थित और पारदर्शी बन रही है। सही जानकारी और समय पर अपडेट के जरिए आपका नाम वोटर लिस्ट में सुरक्षित रहेगा।

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