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बिहार चुनाव 2025: नीतीश कुमार ने साधा सामाजिक समीकरण, JDU की दूसरी सूची में अल्पसंख्यक और पिछड़े वर्ग को प्राथमिकता

JDU ने बिहार चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की है। पार्टी ने इस सूची में मुस्लिम, दलित और अति पिछड़ा वर्ग को प्रमुखता दी है। इससे साफ है कि नीतीश कुमार सामाजिक संतुलन के सहारे जंग जीतने की तैयारी में हैं।
Post Published By: Asmita Patel
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बिहार चुनाव 2025: नीतीश कुमार ने साधा सामाजिक समीकरण, JDU की दूसरी सूची में अल्पसंख्यक और पिछड़े वर्ग को प्राथमिकता

Patna: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर राजनीतिक दलों की तैयारियां तेज़ हो चुकी हैं। इस कड़ी में सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने अपने उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में पार्टी ने इस सूची को तैयार किया है, जिसमें सामाजिक न्याय, क्षेत्रीय संतुलन और प्रतिनिधित्व को प्राथमिकता दी गई है।

अल्पसंख्यकों को साधने की कोशिश

इस बार जेडीयू ने चार मुस्लिम चेहरों को टिकट देकर एक बड़ा राजनीतिक संदेश देने की कोशिश की है। बीते कुछ वर्षों में अल्पसंख्यक समुदाय का झुकाव अन्य पार्टियों की ओर बढ़ा था, जिसे रोकने के लिए पार्टी ने यह कदम उठाया है। सूत्रों के अनुसार, मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में उम्मीदवारों के चयन में खास सतर्कता बरती गई है ताकि मतदाता वर्ग को सीधे प्रभावित किया जा सके।

EBC और दलित वोट बैंक को साधने की रणनीति

जेडीयू की दूसरी सूची में अति पिछड़ा वर्ग (EBC) और दलित समुदाय के कई उम्मीदवार शामिल हैं। यह वही वर्ग है जो नीतीश कुमार के सामाजिक न्याय मॉडल का आधार रहा है। पार्टी ने इस बार इन वर्गों को टिकट देकर यह संकेत देने की कोशिश की है कि JDU अभी भी उनके साथ है और उनके अधिकारों को लेकर प्रतिबद्ध है।

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महिलाओं को भी मिला प्रतिनिधित्व

महिलाओं को राजनीति में अधिक अवसर देने के लिए जेडीयू की नीति पहले से ही स्पष्ट रही है। इस सूची में भी तीन महिला उम्मीदवारों को शामिल किया गया है। पार्टी ने खासतौर पर ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों की महिलाओं को टिकट देकर यह दिखाया है कि जेडीयू लैंगिक समानता को लेकर भी गंभीर है।

क्षेत्रीय संतुलन भी रहा केंद्र में

इस बार की सूची में उम्मीदवारों के चयन में क्षेत्रीय संतुलन का भी खास ख्याल रखा गया है। उत्तर बिहार, मगध, सीमांचल और दक्षिण बिहार के कई क्षेत्रों से उम्मीदवारों को शामिल किया गया है ताकि सभी क्षेत्रों को उचित प्रतिनिधित्व मिल सके। इससे यह भी साफ होता है कि जेडीयू राज्य के सभी हिस्सों में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है।

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विपक्ष पर दबाव बढ़ाने की तैयारी

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो इस सूची के ज़रिए जेडीयू ने विपक्षी दलों पर भी दबाव बनाने की कोशिश की है। सामाजिक न्याय, अल्पसंख्यकों और महिलाओं को टिकट देकर पार्टी ने यह दिखाया है कि वह समावेशी राजनीति की पक्षधर है। यह रणनीति खासकर RJD और कांग्रेस जैसी पार्टियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है जो पारंपरिक रूप से इन वर्गों का समर्थन हासिल करती रही हैं।

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