

इस साल 20 या 21 अक्टूबर को दिवाली? जानिए पूरे 5 दिन के दीपोत्सव का शुद्ध कैलेंडर और पूजन मुहूर्त। पूरे 5 दिन चलने वाले दीपोत्सव में धनतेरस से लेकर भाई दूज तक हर दिन का खास महत्व है। लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त कब से है, यहां पढ़ें पूरा फेस्टिवल कैलेंडर।
दीपोत्सव का पूजन मुहूर्त
New Delhi: दीपावली यानी दीपों का त्योहार, न केवल रौशनी और रंगों का प्रतीक है, बल्कि यह आध्यात्मिक उल्लास, सांस्कृतिक समृद्धि और पारिवारिक मेल-मिलाप का पर्व भी है। भारत में दीपावली को पांच दिवसीय महोत्सव के रूप में मनाया जाता है। हर साल की तरह इस बार भी लोग यह जानने को उत्सुक हैं कि दिवाली 2025 में कब है- 20 अक्टूबर या 21 अक्टूबर? इस सवाल का जवाब पंचांग की गणनाओं में छिपा है, जिसमें तिथि, मुहूर्त और सूर्यास्त का विशेष महत्व होता है।
पंचांग के अनुसार, दिवाली का त्योहार कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है। इस वर्ष कार्तिक अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर 2025 (सोमवार) को दोपहर 03:44 बजे से शुरू होकर 21 अक्टूबर की शाम 05:54 बजे तक रहेगी। लक्ष्मी पूजन सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में किया जाता है। इसलिए इस वर्ष लक्ष्मी पूजन के लिए सबसे उपयुक्त तिथि 20 अक्टूबर 2025, सोमवार को ही मानी जा रही है।
शाम 07:08 बजे से रात 08:18 बजे तक
प्रदोष काल: शाम 05:46 बजे से रात 08:18 बजे तक
इस मुहूर्त में मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर देव की पूजा करना विशेष फलदायक माना जाता है।
पांच दिवसीय दीपोत्सव का पूरा कैलेंडर (Diwali 2025 Panch Din ke Tyohar)
1. पहला दिन- धनतेरस
शनिवार, 18 अक्टूबर 2025
धनतेरस से दीपावली उत्सव की शुरुआत होती है। इस दिन देवी लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा की जाती है। साथ ही बर्तन, सोना-चांदी, इलेक्ट्रॉनिक्स या वाहन आदि की खरीदारी करना शुभ माना जाता है।
खरीदारी का शुभ मुहूर्त
18 अक्टूबर दोपहर 12:18 से 19 अक्टूबर दोपहर 1:51 बजे तक
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2. दूसरा दिन- नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली)
सोमवार, 20 अक्टूबर 2025
इसे रूप चौदस या छोटी दिवाली भी कहते हैं। इस दिन तिल और उबटन से स्नान करने की परंपरा है ताकि नरक जैसी परिस्थितियों से मुक्ति मिले। इसे शारीरिक और आत्मिक शुद्धता का दिन माना जाता है।
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3. तीसरा दिन- दिवाली (लक्ष्मी पूजा)
सोमवार, 20 अक्टूबर 2025
दीपों की रौशनी, मिठाइयों की मिठास और पूजा का पवित्र भाव- यही है दिवाली। इस दिन घर की साफ-सफाई करके दीप जलाए जाते हैं और रात को मां लक्ष्मी, गणेश जी और सरस्वती जी की विधिवत पूजा होती है।
4. चौथा दिन- गोवर्धन पूजा
बुधवार, 22 अक्टूबर 2025
यह पर्व कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को मनाया जाता है। इसे अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की लीला की स्मृति में पूजा की जाती है। घरों में पकवानों का भोग लगाया जाता है।
5. पांचवां दिन- भाई दूज
गुरुवार, 23 अक्टूबर 2025
भाई दूज भाई-बहन के प्रेम और रिश्ते का प्रतीक पर्व है। बहन अपने भाई को तिलक कर उसकी लंबी उम्र और सफलता की कामना करती है। यह रक्षाबंधन के समान ही महत्वपूर्ण पर्व है।
दिवाली 2025: एक नजर में जानिए दिनांक पर्व विशेषता
18 अक्टूबर धनतेरस खरीदारी, लक्ष्मी-कुबेर पूजन
20 अक्टूबर नरक चतुर्दशी उबटन, शुद्धिकरण स्नान
20 अक्टूबर दिवाली लक्ष्मी पूजा, दीप जलाना
22 अक्टूबर गोवर्धन पूजा अन्नकूट, श्रीकृष्ण पूजन
23 अक्टूबर भाई दूज भाई-बहन का प्रेम, तिलक समारोह
दिवाली 2025 में 20 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजन किया जाएगा, हालांकि अमावस्या तिथि 21 अक्टूबर तक रहेगी। यदि आप पंचांग अनुसार शुभ मुहूर्त में पूजा करना चाहते हैं तो 20 अक्टूबर की शाम को लक्ष्मी पूजन सर्वोत्तम रहेगा। पांच दिनों तक चलने वाला यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी बेहद खास है। दीपों की यह रौशनी आपके जीवन में भी उजाला लाए, यही शुभकामना है।
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