

सोनभद्र के 8 वर्षीय बालिका की इंजेक्शन लगने के कुछ ही देर बाद मौत हो गई। घटना की पूरी जानकारी के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट
इंजेक्शन लगते ही बालिका की मौत ( सोर्स - रिपोर्टर )
सोनभद्र: जनपद सोनभद्र के म्योरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शनिवार को एक गंभीर घटना सामने आई, जब एक 8 वर्षीय बालिका की इंजेक्शन लगने के कुछ ही देर बाद मौत हो गई। इस घटना से परिजनों में कोहराम मच गया और उन्होंने अस्पताल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक डड़ीहरा निवासी रामप्रसाद अपनी 8 वर्षीय पुत्री सोनम को लेकर म्योरपुर सीएचसी पहुंचे थे। बच्ची को पीला पेशाब और बुखार की शिकायत थी। परिजनों ने एक निजी पैथोलॉजी से जांच कराई, जिसमें पीलिया की पुष्टि हुई। इसके बाद सोनम को महिला चिकित्सक को दिखाया गया, जिन्होंने चार दिन के लिए उसे भर्ती करते हुए दवाएं लिखीं।
चिकित्सा पर्चा लेकर सोनम का पिता नर्स के पास पहुंचा, जहां नर्स अनीता ने बच्ची को इंजेक्शन लगाया। रामप्रसाद के अनुसार, इंजेक्शन लगते ही उसकी बेटी की हालत बिगड़ गई और कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई। इस दर्दनाक घटना के बाद सोनम के माता-पिता अस्पताल परिसर में फूट-फूट कर रोने लगे।
Myorpur CHC में Injection लगते ही मासूम की बिगड़ी हालत, अस्पताल प्रशासन पर उठा सवाल | Sonbhadra News#Sonbhadra #Communityhealthcentre @Uppolice pic.twitter.com/lVvTpluXVn
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) June 7, 2025
घटना के बाद मृत बच्ची के पिता उसे पैदल ही घर ले जाने लगे। मीडिया कर्मियों के हस्तक्षेप के बाद अस्पताल प्रशासन ने एंबुलेंस की व्यवस्था की, जिसके जरिए शव को घर भेजा गया।
अधीक्षक डॉ. पी.एन. सिंह ने बताया कि सोनम को सांस लेने में दिक्कत और बुखार था। उसे गैस व उल्टी के लिए इंजेक्शन दिया गया था, लेकिन दवा से कोई रिएक्शन नहीं हुआ। वहीं डॉक्टर आई.बी. सिंह ने कहा कि बच्ची को सांस की तकलीफ को देखते हुए ऑक्सीजन नली भी लगाई गई थी, परन्तु बच्ची ने दम तोड़ दिया। प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत हो रहा है कि श्वास नली में कुछ फंस गया था।
उन्होंने कहा कि मृत्यु का कारण स्पष्ट रूप से पोस्टमार्टम के बाद ही पता चल सकेगा। यदि परिजन चाहें तो पोस्टमार्टम के लिए आवेदन कर सकते हैं। फिलहाल इस घटना ने अस्पताल में इलाज व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। परिजनों का आरोप है कि यदि समय रहते सही इलाज होता तो सोनम की जान बच सकती थी।