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जम्मू-कश्मीर के गुरेज सेक्टर में सुरक्षा बलों ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। कुख्यात आतंकी और घुसपैठ का मास्टरमाइंड बागू खान उर्फ समंदर चाचा एनकाउंटर में मारा गया। तीन दशकों से सक्रिय यह आतंकी आतंकी संगठनों के लिए “ह्यूमन जीपीएस” की तरह काम करता था।
समंदर चाचा एनकाउंटर में ढेर
Jammu: जम्मू-कश्मीर के गुरेज सेक्टर में सुरक्षा बलों ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए कुख्यात आतंकी बागू खान उर्फ समंदर चाचा को मुठभेड़ में मार गिराया है। सूत्रों के अनुसार, समंदर चाचा के साथ एक और पाकिस्तानी घुसपैठिया भी इस एनकाउंटर में ढेर हुआ है। इस ऑपरेशन को भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा 28 अगस्त की रात अंजाम दिया गया।
बागू खान उर्फ समंदर चाचा पिछले तीन दशकों से आतंक की दुनिया में एक महत्वपूर्ण चेहरा बना हुआ था। वर्ष 1995 से वह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में रह रहा था और गुरेज सेक्टर व उसके आसपास के क्षेत्रों से 100 से अधिक घुसपैठ की घटनाओं में शामिल रहा है। उसे आतंकियों के बीच "ह्यूमन जीपीएस" के नाम से जाना जाता था, क्योंकि उसे सीमा के कठिन पहाड़ी और गुप्त रास्तों की अद्वितीय जानकारी थी। यह विशेषज्ञता उसे आतंकवादी संगठनों के लिए एक अनमोल संसाधन बनाती थी।
समंदर चाचा एनकाउंटर में ढेर
हालांकि समंदर चाचा मूल रूप से हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़ा था, लेकिन वह किसी एक संगठन तक सीमित नहीं रहा। उसने जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा सहित लगभग सभी प्रमुख आतंकी संगठनों को सीमा पार से भारत में घुसपैठ कराने में मदद की। समंदर चाचा का काम केवल रास्ता दिखाना नहीं था, बल्कि वह घुसपैठ की रणनीति तैयार करने, सुरक्षित रास्तों का चयन करने और हथियारों की लॉजिस्टिक सप्लाई का प्रबंध करने जैसे अहम कार्यों में भी शामिल रहता था।
सूत्रों के अनुसार, 28 अगस्त की रात को समंदर चाचा नौशेरा नार इलाके से भारत में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहा था। इसी दौरान सुरक्षा एजेंसियों को गुप्त सूचना मिली, जिसके आधार पर सेना और स्थानीय सुरक्षा बलों ने एक संयुक्त ऑपरेशन शुरू किया। जैसे ही घुसपैठिए LOC पार कर भारतीय सीमा में घुसे, सेना ने उन्हें घेर लिया। इसके बाद शुरू हुई मुठभेड़ में समंदर चाचा और उसके साथ आए एक अन्य पाकिस्तानी आतंकी को ढेर कर दिया गया। यह मुठभेड़ देर रात तक चली और 29 अगस्त की सुबह तक इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी रहा।
सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि समंदर चाचा की मौत आतंकवादी संगठनों के लॉजिस्टिक और ऑपरेशनल नेटवर्क के लिए एक बड़ा झटका है। उसकी मृत्यु से आने वाले महीनों में घुसपैठ की कई योजनाएं ध्वस्त हो गई हैं, क्योंकि उसके जैसे मार्गदर्शक के बिना सीमापार से भारत में घुसपैठ करना आतंकियों के लिए अत्यंत कठिन हो जाएगा। समंदर चाचा वर्षों से सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी में था, लेकिन वह बार-बार गिरफ्तारी से बच निकलता था। उसका मारा जाना इस बात का प्रतीक है कि भारतीय सुरक्षा बल अब और अधिक सतर्कता और सटीकता के साथ आतंक के नेटवर्क को जड़ से खत्म करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
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