Moradabad: उत्तर प्रदेश में एक बड़े वित्तीय घोटाले का पर्दाफाश होने के बाद पुलिस और राज्य सरकार हरकत में आ गई है। मुरादाबाद में दर्ज लगभग 600 करोड़ रुपये से अधिक की जीएसटी चोरी के नौ मामलों के साथ ही प्रदेश के 45 जिलों में कुल 147 केस सामने आए हैं। इन सभी मामलों की गहराई से जांच और निगरानी हेतु डीजीपी कार्यालय ने पांच वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की एक राज्यस्तरीय एसआईटी गठित कर दी है।
राज्यस्तरीय SIT की पहली बैठक
लखनऊ में गठित राज्यस्तरीय एसआईटी ने शनिवार को सभी 45 जिलों की स्थानीय एसआईटी टीमों के साथ ऑनलाइन मीटिंग की। करीब ढाई घंटे चली इस महत्वपूर्ण बैठक में हर जिले के एक-एक केस की समीक्षा की गई और अब तक जुटाए गए साक्ष्यों की जानकारी ली गई। राज्यस्तरीय एसआईटी ने निर्देश दिया है कि एक सप्ताह के भीतर सभी केसों से संबंधित दस्तावेज और सबूत एकत्र कर लिए जाएं, ताकि आगे की रणनीति तय की जा सके।
GST चोरी का सबसे बड़ा केंद्र बना मुरादाबाद
मुरादाबाद में अब तक 9 मुकदमे जीएसटी चोरी के दर्ज किए गए हैं, जिनमें अकेले 600 करोड़ रुपये से अधिक की टैक्स चोरी का मामला उजागर हुआ है। यह मामला तब सामने आया जब 24 अक्टूबर को राज्य कर विभाग ने चेकिंग के दौरान दो ट्रक पकड़े थे। इन ट्रकों में चोरी-छिपे सरिया ले जाया जा रहा था और दो मोबाइल नंबरों पर पंजीकृत 122 फर्जी फर्मों के माध्यम से 400 करोड़ से अधिक का टैक्स घोटाला किया जा चुका था।
45 जिलों में फैला GST चोरी का नेटवर्क
राज्य सरकार द्वारा की गई समीक्षा में सामने आया कि यूपी के 45 जिलों में 147 GST चोरी के केस दर्ज हैं, जिनमें करोड़ों रुपये की टैक्स हेराफेरी की बात सामने आ चुकी है। ये मामले छोटे नहीं बल्कि विशाल नेटवर्क से जुड़े हुए हैं, जहां फर्जी कंपनियां बनाकर, फर्जी बिलिंग के जरिए और नकली कागजातों के माध्यम से सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया गया।
राज्यस्तरीय SIT में शामिल 5 IPS अधिकारी
• आईजी सुनील मेनुएल (मुखिया, EOW)
• आईपीएस सुशील घुले चंद्रभान
• आईपीएस अविनाश पांडेय
• आईपीएस बबिता सिंह
• आईपीएस प्रेम कुमार शुक्ला
जिले स्तर की SIT करेगी जांच
मुरादाबाद में एसएसपी सतपाल अंतिल ने एसपी क्राइम सुभाषचंद्र गंगवार के नेतृत्व में 11 सदस्यीय SIT गठित की है, जो जमीन पर साक्ष्य जुटाएगी। एसपी क्राइम गंगवार ने बताया कि जिले की SIT जांच करेगी और लखनऊ की SIT इसकी निगरानी करेगी। हम हर दिशा में जांच कर रहे हैं। राज्यस्तरीय SIT की हरी झंडी मिलने के बाद ही गिरफ्तारी, पूछताछ या चार्जशीट संबंधी कार्रवाई की जाएगी, ताकि जांच में एकरूपता बनी रहे।
कैसे पकड़ा गया इतना बड़ा घोटाला?
• फर्जी फर्में दो मोबाइल नंबरों पर पंजीकृत थीं
• 122 कंपनियों के नाम पर करोड़ों का टैक्स इनपुट लिया जा रहा था
• गाड़ियों की लाइव ट्रैकिंग और निरीक्षण में पकड़ा गया माल
• डिजिटल ट्रेल और ई-वे बिलों के विश्लेषण से खुला मामला
आगे क्या करेगा SIT?
• फर्जी कंपनियों का पूरा नेटवर्क खंगालना
• बैंक खातों, मोबाइल ट्रांजेक्शन और ई-वे बिलों की जांच
• आरोपी कारोबारी, परिवहनकर्ता और फर्जी फर्म संचालकों पर कड़ा शिकंजा
• अंतरराज्यीय नेटवर्क की पहचान
• टैक्स चोरी की कुल रकम का हिसाब

