

जिले के एक गैंगस्टर ने पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
गैंगस्टर ने पुलिस पर लगाए आरोप
कानपुर: जिले में शुक्रवार को अपराध जगत का चर्चित चेहरा और ड्रग्स तस्करी का आरोपी सुशील कुमार शर्मा उर्फ सुशील बच्चा, अपने दोनों पैरों में प्लास्टर चढ़ाए ऑटो से पुलिस कमिश्नर ऑफिस पहुंचा।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, उसके साथ उसकी बहन अर्चना शर्मा भी मौजूद थी। सुशील ने काकादेव थाना क्षेत्र के शास्त्री नगर चौकी इंचार्ज दरोगा सचिन भाटी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
50 हजार की मांगी वसूली
सुशील बच्चा ने पुलिस कमिश्नर को दी तहरीर में बताया कि 18 जून की शाम करीब 7:30 बजे दरोगा सचिन भाटी 5-6 सिपाहियों के साथ उसके घर पर छापा मारने पहुंचे। उस समय घर में वह और उसकी भांजी मौजूद थे। सुशील के मुताबिक दरोगा ने उसे धमकाया कि वह ड्रग्स तस्कर है और बचना है तो 50 हजार रुपए महीना देना होगा। विरोध करने पर आरोप है कि उसे छत से नीचे फेंक दिया गया, जिससे उसके दोनों पैर टूट गए।
भागते वक्त खुद गिरा- पुलिस
वहीं इस पूरे मामले में पुलिस का कहना है कि सुशील बच्चा वांछित अपराधी है, और हिस्ट्रीशीटर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। DCP सेंट्रल श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस जब छानबीन के लिए पहुंची, तो सुशील बच्चा पकड़े जाने के डर से छत से कूद गया, जिससे उसके दोनों पैर टूट गए। उन्होंने दरोगा पर लगे आरोपों को बिलकुल बेबुनियाद बताया, लेकिन यह भी कहा कि शिकायत की जांच की जाएगी।
कौन है सुशील बच्चा?
सुशील बच्चा काकादेव थाने का हिस्ट्रीशीटर है, जिसके खिलाफ 35 से अधिक आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। इनमें ड्रग्स तस्करी, अवैध कब्जा, मारपीट, धमकी जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। उसका भाई राजकुमार भी अपराधिक गतिविधियों में संलिप्त है और उस पर 15 मुकदमे दर्ज हैं।
पहले हो चुकी है संपत्ति जब्ती
22 फरवरी 2021 को तत्कालीन एसएसपी डॉ. प्रीतिंदर सिंह के निर्देश पर पुलिस ने सुशील बच्चा के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई करते हुए उसका अवैध निर्माण ध्वस्त किया था। पुलिस को उसकी करोड़ों की संपत्ति का पता चला था, जो श्रम विभाग व अरमापुर स्टेट की सरकारी जमीन पर कब्जा करके बनाई गई थी। ड्रग्स तस्करी के मामलों में 2021 में जेल भेजे गए सुशील बच्चा को हाल ही में जमानत मिली है। बाहर आने के बाद उसने अपने खिलाफ पुलिसिया कार्रवाई को दबाव बनाने की कोशिश बताया और वसूली का आरोप लगाकर मामला दर्ज कराने की कोशिश की है।