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गौतमबुद्ध नगर कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: जज ने बोला- अंतिम सांस तक CRPF के पूर्व जवान जेल में रहेगा, जानें क्यों

गौतमबुद्ध नगर कोर्ट ने 8 साल पुराने हत्याकांड में एक आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह हत्या सीआरपीएफ के पूर्व जवान ने की थी। इस मामले में मृतक की बेटी पिछले 8 सालों से न्याय की आस लगाकर बैठी थी और अब जाकर उसको इंसाफ मिला है।
Post Published By: Mayank Tawer
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गौतमबुद्ध नगर कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: जज ने बोला- अंतिम सांस तक CRPF के पूर्व जवान जेल में रहेगा, जानें क्यों

Gautam Buddha Nagar: जिला कोर्ट ने एक बहुचर्चित हत्याकांड में फैसला सुनाते हुए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के पूर्व जवान सतीश को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने दोषी पर 81 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक यह मामला वर्ष 2017 का है। जब दादरी के मोहल्ला ठाकुरान में व्यापारी बलदेव यादव की उनके घर लौटते समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अभियोजन पक्ष ने बताया कि आरोपी सतीश उस रात शराब के नशे में धुत था और गली में अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से फायरिंग कर रहा था। बलदेव यादव ने जब इसका विरोध किया तो सतीश ने गुस्से में आकर उनके सीने में गोली मार दी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।

घटना की प्रत्यक्षदर्शी रही मृतक की बेटी

घटना की चश्मदीद मृतक की बेटी सविता यादव ने थाने में आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पुलिस ने सतीश को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। बाद में पूरी तफ्तीश के बाद पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की और मुकदमा अदालत में चला।

12 गवाहों की पेशी, कोर्ट ने माना दोष सिद्ध

अदालत में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने 12 गवाहों को पेश किया, जिनमें से कई प्रत्यक्षदर्शी थे। एडीजीसी क्राइम भाग सिंह भाटी ने अदालत को बताया कि आरोपी का अपराध न केवल गंभीर है, बल्कि पूरी तरह से सोची-समझी कार्रवाई थी, जिसे शराब के नशे में अंजाम दिया गया। उन्होंने अदालत से मांग की कि इस जघन्य अपराध के लिए आरोपी को कठोरतम सजा दी जाए।

आरोपी के वकील ने जज से यह कहा

वहीं, बचाव पक्ष ने दलील दी कि आरोपी पूर्व में देश की सेवा कर चुका है और उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। वह अपने परिवार का एकमात्र कमाने वाला सदस्य है।

न्यायालय ने सुनाया फैसला

सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने आरोपी सतीश को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई और 81 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। अदालत ने कहा कि हत्या का अपराध जघन्य है और इससे समाज में भय और असुरक्षा की भावना पैदा होती है। इसलिए आरोपी को कठोर सजा देना आवश्यक है। आपको बता दें कि यह फैसला गौतमबुद्ध नगर कोर्ट ने सोमवार की शाम को सुनाया।

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