मैनपुरी में पुरानी रंजिश को लेकर एक परिवार पर हमला किया गया, जिसमें महिला और उसके बच्चे गंभीर रूप से घायल हुए। पीड़िता ने DM से सुरक्षा और कड़ी कार्रवाई की मांग की है। पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए परिवार न्याय की गुहार कर रहा है।

मैनपुरी में रंजिश का खौफ
Mainpuri: जनपद मैनपुरी में पुरानी रंजिश के चलते एक परिवार पर हुए हमले ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। पीड़िता संतोषी देवी पत्नी अमरदीप ने जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि 24 नवंबर की देर रात डीजे बंद कराने को लेकर शुरू हुआ विवाद इतना बढ़ गया कि विपक्षी पक्ष ने एकजुट होकर उनके घर पर हमला बोल दिया। इस हमले में उन्हें और उनके बच्चों को गंभीर चोटें आईं।
घटना बीते 24 नवंबर की देर रात की है। संतोषी देवी के अनुसार, इलाके में बज रहे डीजे को बंद कराने को लेकर उनका विपक्षी पक्ष से विवाद हुआ था। यह विवाद इतना बढ़ा कि उसी रात विपक्षी पक्ष के करीब 10-12 लोग लाठी-डंडों और लोहे की सरिया के साथ उनके घर पहुंच गए। पीड़िता ने बताया कि हमलावरों ने घर में घुसकर परिवार को बुरी तरह पीटा और गाली-गलौज की।
पीड़िता ने बताया कि हमले में उनके दो दांत टूट गए और उन्हें गंभीर चोटें आईं। सबसे ज्यादा घायल हुआ उनका 15 वर्षीय पुत्र उमंग, जिसके सिर पर लोहे की सरिया से जोरदार हमला किया गया। उमंग के सिर में गहरी चोट आई, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। संतोषी का कहना है कि हमलावरों ने उनकी बेटी और ननद को भी जमीन पर गिराकर बेरहमी से पीटा। घायल परिवार अब दहशत में है और सुरक्षा की मांग कर रहा है।
संतोषी देवी ने बताया कि विपक्षी पक्ष पर पहले से ही धारा 326 (गंभीर चोट पहुँचना) के तहत मामला दर्ज है। इसके बावजूद वे लगातार राजीनामा करने का दबाव बना रहे हैं। पीड़िता का कहना है कि जब उन्होंने समझौता करने से मना कर दिया, तो विपक्षियों ने जान से मारने की धमकी देना शुरू कर दिया। उनका आरोप है कि विपक्षी दबंग प्रवृत्ति के हैं और लगातार परिवार को मानसिक रूप से परेशान कर रहे हैं।
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पीड़िता संतोषी देवी ने आरोप लगाया कि घटना की जानकारी देने के बावजूद पुलिस ने कोई कठोर कार्रवाई नहीं की। उनका कहना है कि विपक्षियों के खिलाफ गंभीर आरोप और पिछली घटनाओं के बावजूद पुलिस की शिथिलता के कारण वे खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। इसी वजह से संतोषी देवी अपने पति और बच्चों के साथ जिलाधिकारी के पास पहुंचीं और लिखित रूप से न्याय की गुहार लगाई।