

एक नाबालिक बच्ची ने भाई से मामूली बात की लड़ाई पर फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली, मामले की पूरी जानकारी के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज की रिपोर्ट
नाबालिक ने की आत्महत्या ( फोटो सोर्स- इंटरनेट)
पीलीभीत: किसी ने सच ही कहा है गुस्से में लिया गया फैसला कभी सही नहीं हो सकता। उसका परिणाम भयानक ही देखने को मिलता है। अब आपको इस कहावत का उदहारण पीलीभीत में घटित हुई इस घटना से मिल सकता है। तो चलिए जानते हैं ऐसा क्या हुआ की गुस्से में लिया गया फैसला काल बन गया?
पूरा मामला बरखेड़ा का है। यहां पर कक्षा आठ में पढ़ने वाली बच्ची ने अपने भाई के साथ मामूली लड़ाई करने के बाद खौफनाक कदम उठा लिया। मामूली बात की लड़ाई पर फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। हुआ कुछ यूं कि शाम को पढ़ाई करते समय दोनों में लड़ाई हो गई जिसके बाद लड़की गुस्सा होकर कमरे में चली गई और कमरे में कुंडे के सहारे साड़ी से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार, पढ़ाई को लेकर भाई बहनों में लड़ाई हो गई थी। जब कक्षा 8 में पढ़ने वाली बच्ची गुस्सा सहन नहीं कर पाई तो उसने गलत कदम उठा लिया। पंखे पर लटक कर आत्महत्या कर ली। जब परिजनों ने कमरा खोलने की कोशिश की तो वो कमरे का दरवाजा खोलने में असमर्थ रहे। उसके बाद परिजनों ने खिड़की से देखा तो उनके होश उड़ गए।
लड़की के पिता ने बताया कि शाम को वह अपने दुकान पर था, उसी समय उनकी बेटी प्रिया (15) और बेटे आर्यन (10) के बीच कॉपी फाड़ने को लेकर लड़ाई हुई। जिसमें प्रिया ने अपने भाई की कॉपी फाड़ दी, जिसके बाद झगड़ा इतना बढ़ गया कि आर्यन ने अपनी बहन को थप्पड़ मार दिया। जिससे प्रिया आहत हो गई और दूसरे कमरे में चली गई। उस समय उसकी मां पूजा करने मंदिर जा रही थी, मौका मिलते ही प्रिया ने कमरे को अन्दर से बंद करके फांसी का फंदा लगा लिया।
जब उसकी मां घर आई तो कमरे का दरवाजा बंद पाया जिसके बाद उन्होंने खिड़की से देखा कि प्रिया का शव फंदे से लटका हुआ है। इस दृश्य को देखते ही पूरे परिवार में चीख पुकार मच गई। जिसके बाद परिवार लोग दरवाजा तोड़कर अन्दर गए।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और फील्ड यूनिट मौके पर पहुंची जिसके बाद जांच पड़ताल की गई लेकिन उस लड़की के परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से साफ इनकार कर दिया। जिसके बाद पुलिस ने पंचनामा भरकर शव परिवार के लोगों को दे दिया। इस घटना से पूरे परिवार में मातम का माहौल है। रविवार यानी आज उस नाबालिक बच्ची का अंतिम संस्कार कर दिया गया। आजकल के बच्चे इतने सेंसटिव हो रहे हैं कि उन्हें छोटी- छोटी बातें इतना हर्ट कर दे रही हैं कि गलत कदम उठाने से पहले बिल्कुल नहीं सोच रहे। ऐसे में ये माता-पिता की जिम्मेदारी बनती है कि अपने बच्चों को सोशल मीडिया के ऐसे कंटेंट से दूर रखें और उनके गतिविधियों पर ध्यान दें।