Crime In Moradabad: पारिवारिक कलह से महिला ने उठाया खौफ़नाक कदम, क्षेत्र में मचा हड़कंप

दुखद घटना सामने आई, जहां दंपति के बीच हुए विवाद के बाद महिला ने खौफ़नाक कदम उठाया। मामले की पूरी जानकारी के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Jaya Pandey
Updated : 26 May 2025, 2:44 PM IST
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मुरादाबाद: जिले के मझोला थाना क्षेत्र से सोमवार सुबह एक और दुखद घटना सामने आई, जहां दंपति के बीच हुए विवाद के बाद महिला ने जहरीले पदार्थ का सेवन कर आत्महत्या का प्रयास किया। महिला को गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, यह घटना मझोला थाना क्षेत्र के गगन वाली मैनाठेर इलाके की है, जहां कुसुम नामक महिला और उसके पति अंकित के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई। विवाद इतना बढ़ गया कि गुस्से में आकर कुसुम ने कमरे में जाकर चूहे मारने की दवाई खा ली। कुछ देर बाद जब उसकी तबीयत बिगड़ने लगी तो परिवार के लोग उसे तुरंत जिला अस्पताल लेकर पहुंचे।

परिवारिक कलह बना मौत की वजह

कुसुम की सास मधुबाला ने बताया कि उनका परिवार मूल रूप से शाहजहांपुर का रहने वाला है, लेकिन कुछ महीने पहले बेटे अंकित के काम के सिलसिले में वे मुरादाबाद आकर रहने लगे हैं। अंकित पेशे से कारपेंटर है और यहीं कार्य करता है। मधुबाला के अनुसार, सोमवार सुबह किसी पारिवारिक बात को लेकर कुसुम और अंकित के बीच विवाद हो गया, जिसके चलते कुसुम ने यह आत्मघाती कदम उठाया।

महिला की स्थिति गंभीर

घटना के बाद अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों का कहना है कि महिला को प्राथमिक उपचार दे दिया गया है, लेकिन उसकी स्थिति अभी गंभीर है और कुछ भी स्पष्ट रूप से कहना जल्दबाज़ी होगी। डॉक्टरों की एक टीम लगातार उसकी निगरानी कर रही है।

महिलाओं ने आत्महत्या का प्रयास

पिछले दो महीनों में मुरादाबाद में इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं, जहां घरेलू विवाद के चलते महिलाओं ने आत्महत्या का प्रयास किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि पारिवारिक तनाव, संवाद की कमी और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही इन घटनाओं के पीछे प्रमुख कारण हैं।

मामले की जांच में जुटी पुलिस

पुलिस मामले की जांच में जुट गई है और परिवार से पूछताछ की जा रही है। हालांकि अभी तक कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है। यह घटना एक बार फिर घरेलू विवादों में बढ़ते मानसिक तनाव की ओर इशारा करती है और यह ज़रूरी बनाता है कि परिवारों के भीतर संवाद और समझ को प्राथमिकता दी जाए, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

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