Maharajganj: महराजगंज जिले के वार्ड नंबर 17 में एक बार फिर से निवेश के नाम पर आम जनता के साथ बड़ा धोखा हुआ है। इस बार धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं नगर पंचायत महराजगंज के निवासी अभिमन्यु सिंह ने पुलिस अधीक्षक को दी गई तहरीर में दो लोगों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं।
शेयर बाजार में निवेश का झांसा
अभिमन्यु सिंह के अनुसार, विनोद सिंह यादव और सुशील निगम नामक व्यक्ति ने “RICH Signal” नाम की एक कंपनी बनाई। इस कंपनी का कार्यालय खुद अभिमन्यु के मकान में खोला गया था, जिससे पीड़ित को शुरुआत में इन पर भरोसा हो गया। दोनों आरोपियों ने शेयर बाजार में निवेश करने के नाम पर तीन महीने में रकम दोगुनी करने का वादा किया। इसी झांसे में आकर अभिमन्यु सिंह ने न सिर्फ अपने 42 लाख रुपये लगाए, बल्कि अपने रिश्तेदारों और परिचितों से भी 40 लाख रुपये कंपनी में निवेश करवाए। कुल मिलाकर करीब 82 लाख रुपये कंपनी में जमा किए गए।
महराजगंज में रेलवे ठेकेदारों की मनमानी और धमकी! मुआवजा तय हुए बिना तोड़ा ताला
ठगी के बाद ऑफिस बंद
तीन महीने बीत जाने के बाद जब कोई रिटर्न नहीं आया, तो अभिमन्यु सिंह ने आरोपियों से संपर्क किया। शुरू में उन्हें बहाने बनाकर टाल दिया गया। लेकिन कुछ ही समय बाद कंपनी का कार्यालय अचानक बंद कर दिया गया और दोनों आरोपी फरार हो गए। इस घटना के बाद अभिमन्यु सिंह ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए पुलिस अधीक्षक से संपर्क किया।
उधारी और बैंक लोन से जुटाए थे पैसे
अभिमन्यु सिंह ने अपनी तहरीर में बताया कि उन्होंने यह रकम बैंक लोन लेकर और उधारी से जुटाई थी। उनके पास इस निवेश से संबंधित सभी प्रमाण मौजूद हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें इस बात का कतई अंदेशा नहीं था कि उनके अपने मकान में बैठकर चल रही कंपनी धोखाधड़ी का अड्डा बन जाएगी।
पुलिस ने दर्ज किया मामला
मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक ने तत्काल प्रभाव से भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 318(4) के तहत मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। साथ ही संबंधित अधिकारी को निर्देश दिया गया है कि वे इस पूरे मामले की गहनता से जांच करें और विस्तृत रिपोर्ट जल्द प्रस्तुत करें।
चीट फंड के मामलों में लगातार बढ़ोतरी
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में चीट फंड कंपनियों के जरिये ठगी के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है। छोटे शहरों और कस्बों में निवेश के नाम पर लोगों को बड़े-बड़े सपने दिखाए जाते हैं और फिर उन्हें लाखों-करोड़ों की चपत लगाकर आरोपी फरार हो जाते हैं।