New Delhi News: फंड के प्रदर्शन को समझने के लिए रोलिंग रिटर्न एक अहम पैमाना है। यह हमें बताता है कि कोई फंड अलग-अलग समय अवधि में कितना स्थिर रहा है। यदि किसी फंड ने 10 से 15 वर्षों के दौरान 5 साल के रोलिंग रिटर्न दिए हैं, तो इससे यह आकलन किया जा सकता है कि उसका औसत रिटर्न, न्यूनतम और अधिकतम रिटर्न क्या रहा है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, वह कितनी बार अपने बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन कर सका। इससे यह स्पष्ट होता है कि फंड ने समय के साथ कितना सुसंगत रिटर्न दिया है। यह जानकारी निवेशक के लिए विश्वसनीयता का संकेत होती है।
रिटर्न के पीछे छिपा जोखिम
केवल रिटर्न देखना पर्याप्त नहीं होता, बल्कि यह भी जानना ज़रूरी है कि वह रिटर्न पाने के लिए कितना जोखिम लिया गया। जोखिम को मापने के लिए मुख्य रूप से इन अनुपातों का प्रयोग होता है।
1. शार्प अनुपात (Sharpe Ratio)
यह दर्शाता है कि फंड ने बिना अधिक उतार-चढ़ाव के कितना रिटर्न दिया। जितना अधिक यह अनुपात, उतना बेहतर प्रदर्शन माना जाता है।
2. सॉर्टिनो अनुपात (Sortino Ratio)
यह दिखाता है कि फंड ने नुकसान की स्थितियों में किस प्रकार का रिटर्न दिया। यानी नुकसान के जोखिम को घटाकर जो लाभ मिला है, वह सॉर्टिनो अनुपात दर्शाता है।
3. ट्रेयनोर अनुपात (Treynor Ratio)
- यह मापता है कि बाजार की अस्थिरता के दौरान फंड ने कितना लाभ कमाया।
- ICICI प्रूडेंशियल मल्टी एसेट फंड इन तीनों प्रमुख अनुपातों में श्रेष्ठ रहा है।
• ट्रेयनोर अनुपात: 2.73%
• शार्प अनुपात: 0.63%
• सॉर्टिनो अनुपात: 1.55%
अन्य अहम मानक
- जेन्सन का अल्फा (Jensen’s Alpha): यह दर्शाता है कि फंड ने अपने बेंचमार्क की तुलना में अतिरिक्त कितना लाभ अर्जित किया।
- अप/डाउन कैप्चर अनुपात: यदि यह अनुपात 1 से अधिक है, तो यह अच्छा संकेत होता है। इसका अर्थ है कि फंड बाजार में तेजी के समय अधिक बढ़ता है और मंदी के समय कम गिरता है।
फंड ऑफ फंड की बढ़ती भूमिका
विभिन्न क्षेत्रों और थीमों में निवेश करने वाले फंड ऑफ फंड (FoF) अब निवेशकों के लिए एक आकर्षक विकल्प बनते जा रहे हैं। एक थीमैटिक फंड ऑफ फंड अलग-अलग सेक्टोरल फंड्स में निवेश करता है और रणनीतिक रूप से पोर्टफोलियो को विविध बनाता है। पिछले 5 वर्षों में ऐसे फंडों ने क्षेत्रीय सूचकांकों की तुलना में 1 से 9 प्रतिशत तक अधिक रिटर्न दिया है।
कर लाभ ने बढ़ाई लोकप्रियता
अब इन फंड्स में 24 महीने से अधिक निवेश पर सिर्फ 12.5% लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है, जबकि पहले यह निवेशक की आय पर निर्भर होता था। इससे लंबी अवधि के निवेशकों के लिए यह फंड और अधिक फायदेमंद हो गए हैं।