हर महीने पैसे खत्म हो जाते हैं? खर्च करने की ये आदतें बदलते ही दिखेगा बड़ा फर्क, अपनाएं ये टिप्स

अगर हर महीने के आखिर तक आपकी सैलरी खत्म हो जाती है, तो अब चिंता न करें! अपनी खर्च करने की आदतों को बदलकर आप अपनी बचत बढ़ा सकते हैं। ये आसान लेकिन असरदार फाइनेंशियल टिप्स सीखें जो महीने के आखिर तक आपके वॉलेट को भरा रखेंगे।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 16 December 2025, 10:38 AM IST
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New Delhi: क्या आपको भी ऐसा लगता है जब सैलरी आती है तो सब ठीक लगता है, लेकिन महीने के आखिरी हफ्ते तक आपकी जेब खाली हो जाती है और दिमाग में टेंशन हो जाती है? अगर जवाब हाँ है, तो आप अकेले नहीं हैं। आज की दुनिया में, महंगाई, ऑनलाइन शॉपिंग और डिजिटल पेमेंट ने खर्च करना बहुत आसान बना दिया है, लेकिन बचत करना उतना ही मुश्किल। अच्छी खबर यह है कि अपनी खर्च करने की आदतों में कुछ आसान बदलाव करके, आप महीने के आखिर की फाइनेंशियल चिंताओं को हमेशा के लिए खत्म कर सकते हैं।

बजटिंग सबसे ज़रूरी क्यों है?

बिना बजट के खर्च करना सबसे बड़ी गलती है। हर महीने की शुरुआत में, अपनी सैलरी को तीन हिस्सों में बाँटें- ज़रूरी खर्चे, बचत और अपनी मर्ज़ी के खर्चे। सबसे पहले, अपने फिक्स्ड खर्चों की लिस्ट बनाएँ जैसे किराया, बिजली, किराने का सामान और ट्रांसपोर्टेशन। फिर, तय करें कि आप हर हाल में कितना पैसा बचाएँगे। याद रखें, बचत वह नहीं है जो खर्च करने के बाद बचता है, बल्कि वह है जो आप खर्च करने से पहले अलग रखते हैं।

छोटे खर्चे बड़ी समस्या कैसे बन जाते हैं?

चाय, कॉफी, ऑनलाइन खाने के ऑर्डर, सब्सक्रिप्शन और कैब कैशबैक जैसे छोटे खर्चे अक्सर नज़रअंदाज़ हो जाते हैं, लेकिन महीने के आखिर तक इनका बड़ा असर होता है। हर खर्चे को ट्रैक करने की कोशिश करें। एक सिंपल नोटबुक या मोबाइल ऐप इसमें आपकी मदद कर सकता है। एक बार जब आप अपने खर्चे लिखना शुरू कर देंगे, तो आपको समझ आएगा कि आपका पैसा कहाँ जा रहा है।

क्रेडिट कार्ड और EMI का इस्तेमाल समझदारी से करें

क्रेडिट कार्ड एक सुविधा है, आपकी सैलरी का एक्सटेंशन नहीं। बिना ज़रूरत के EMI पर चीज़ें खरीदना आपकी फाइनेंशियल हेल्थ के लिए नुकसानदायक हो सकता है। अगर EMI ज़रूरी है, तो पक्का करें कि मासिक किस्त आपकी सैलरी के 20-25 प्रतिशत से ज़्यादा न हो। सिर्फ़ रिवॉर्ड या कैशबैक के लिए खर्च करना लंबे समय में नुकसानदायक हो सकता है।

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बचत को एक ऑटोमैटिक आदत बनाएँ

हर महीने जैसे ही आपकी सैलरी आए, एक फिक्स्ड अमाउंट सीधे अपने सेविंग अकाउंट, रिकरिंग डिपॉज़िट (RD) या म्यूचुअल फंड SIP में ट्रांसफर कर दें। जब पैसा आपके अकाउंट में दिखेगा ही नहीं, तो आप उसे खर्च नहीं करेंगे। यह तरीका बिना किसी एक्स्ट्रा कोशिश के आपकी बचत बढ़ाने में मदद करता है।

इमरजेंसी फंड बनाना न भूलें

अचानक मेडिकल खर्चे, नौकरी छूटना या दूसरी इमरजेंसी कभी भी हो सकती हैं। कम से कम छह महीने के खर्चों के बराबर इमरजेंसी फंड होना बहुत ज़रूरी है। इससे आपको लोन लेने या क्रेडिट कार्ड पर निर्भर रहने से बचने में मदद मिलेगी।

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थोड़ी समझदारी, बहुत ज़्यादा राहत

महीने के आखिर में खाली पर्स होना ज़रूरी नहीं है, बल्कि यह एक आदत का नतीजा है। जैसे ही आप अपने खर्चों को कंट्रोल करना, ठीक से प्लानिंग करना और रेगुलर बचत करना शुरू करेंगे, आपकी पूरी फाइनेंशियल स्थिति बदल सकती है। याद रखें, सिर्फ अमीर बनने से ज़्यादा ज़रूरी है फाइनेंशियली अनुशासित होना।

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  • New Delhi

Published : 
  • 16 December 2025, 10:38 AM IST

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