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त्योहारी सीजन के बाद सोने की कीमतों में आई गिरावट ने निवेशकों के लिए नया मौका दिया है। फिजिकल गोल्ड की जगह अब लोग डिजिटल विकल्पों जैसे गोल्ड ईटीएफ और गोल्ड म्यूचुअल फंड को अपना रहे हैं। जानें दोनों में क्या है फर्क और कौन सा है आपके लिए बेहतर निवेश।
सोने की कीमतें
New Delhi: त्योहारी सीजन खत्म होते ही सोने की कीमतों में लगातार गिरावट देखी जा रही है। पिछले कुछ हफ्तों में गोल्ड रेट में आई इस नरमी ने निवेशकों को एक नया मौका दिया है। भारत में सोना पारंपरिक रूप से सुरक्षित निवेश माना जाता है, जो बाजार की अनिश्चितता और मुद्रास्फीति के दौर में भी स्थिर रिटर्न देता है। ऐसे में निवेशक अब सोना खरीदने के नए डिजिटल तरीकों की ओर रुख कर रहे हैं जिनमें गोल्ड ईटीएफ और गोल्ड म्यूचुअल फंड प्रमुख हैं।
गोल्ड म्यूचुअल फंड
गोल्ड म्यूचुअल फंड उन निवेशकों के लिए है जो फिजिकल गोल्ड खरीदने या शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने से बचना चाहते हैं। इसमें आप एसआईपी (Systematic Investment Plan) के जरिए छोटी-छोटी राशियों में निवेश कर सकते हैं। इसके लिए डिमैट अकाउंट की जरूरत नहीं होती। फंड मैनेजर निवेशक के पैसे को गोल्ड या गोल्ड ईटीएफ में लगाते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह विकल्प नए निवेशकों के लिए उपयुक्त है जो सोने में दीर्घकालिक निवेश करना चाहते हैं लेकिन शेयर बाजार की गहराई से परिचित नहीं हैं।
वहीं गोल्ड ईटीएफ (Exchange Traded Fund) में निवेश करने के लिए डिमैट अकाउंट जरूरी है। इसमें निवेशक सीधे शेयर बाजार के जरिए सोने की कीमतों पर नजर रख सकता है और रियल टाइम ट्रेडिंग कर सकता है। इसकी कीमत दिन भर में बदलती रहती है, जिससे निवेशक को बाजार के उतार-चढ़ाव के हिसाब से फायदा उठाने का मौका मिलता है।
यह विकल्प उन लोगों के लिए बेहतर है जिन्हें बाजार की समझ है और जो अपने निवेश में अधिक लिक्विडिटी यानी नकदी की सुविधा चाहते हैं। हालांकि, गोल्ड ईटीएफ में ब्रोकरेज और डिमैट चार्ज का भुगतान करना होता है।
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दोनों ही विकल्पों में फिजिकल गोल्ड की तरह चोरी या खोने का जोखिम नहीं होता है। टैक्स की बात करें तो गोल्ड ईटीएफ और गोल्ड म्यूचुअल फंड दोनों पर समान टैक्स नियम लागू होते हैं। अगर आप तीन साल से पहले निवेश निकालते हैं, तो शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना होता है। वहीं, तीन साल बाद बिक्री पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लागू होता है।
सोने में निवेश हमेशा सुरक्षित माना गया है, लेकिन सही विकल्प चुनना जरूरी है। अगर आप बिना बाजार जोखिम के निवेश करना चाहते हैं तो गोल्ड म्यूचुअल फंड बेहतर रहेगा। वहीं, बाजार की समझ रखने वाले निवेशक गोल्ड ईटीएफ के जरिए अधिक लिक्विडिटी और नियंत्रण पा सकते हैं।
किसी भी निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार से परामर्श लेना समझदारी होगी, ताकि आप अपनी जरूरतों और जोखिम क्षमता के अनुसार सही विकल्प चुन सकें।