

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट दर्ज की गई। यह भंडार 1.01 अरब डॉलर घटकर 697.93 अरब डॉलर रह गया, जो कि पिछले सप्ताह के मुकाबले गिरावट का संकेत देता है।
विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट (सोर्स-इंटरनेट)
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा शुक्रवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 20 जून को समाप्त सप्ताह में 1.01 अरब डॉलर घटकर 697.93 अरब डॉलर रह गया। यह गिरावट ऐसे समय में हुई है जब एक सप्ताह पहले ही इसमें 2.29 अरब डॉलर की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी और भंडार बढ़कर 698.95 अरब डॉलर तक पहुंच गया था।
सितंबर 2024 में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 704.885 अरब डॉलर के साथ अब तक के सर्वाधिक उच्च स्तर पर पहुंचा था। यह देश की आर्थिक स्थिरता के लिए एक महत्वपूर्ण संकेतक माना जाता है।
विदेशी मुद्रा आस्तियों में 357 मिलियन डॉलर की गिरावट
विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा आस्तियां भी गिरावट की चपेट में रही। रिपोर्ट के अनुसार, ये आस्तियां 357 मिलियन डॉलर की गिरावट के साथ 589.06 अरब डॉलर पर आ गईं। इन आंकड़ों में डॉलर के मुकाबले यूरो, पाउंड और जापानी येन जैसी प्रमुख विदेशी मुद्राओं के विनिमय दर में हुए उतार-चढ़ाव का भी असर शामिल होता है।
स्वर्ण भंडार भी घटा
RBI के अनुसार, सप्ताह के दौरान भारत का स्वर्ण भंडार भी 573 मिलियन डॉलर घटकर 85.74 अरब डॉलर रह गया। सोने की कीमतों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुई गिरावट इसका प्रमुख कारण मानी जा रही है।
SDR और IMF में भी कमी
स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स (SDR) में भी 85 मिलियन डॉलर की गिरावट दर्ज की गई, जिससे SDR का कुल मूल्य घटकर 18.672 अरब डॉलर हो गया। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में भारत की आरक्षित स्थिति 10 लाख डॉलर घटकर 4.45 अरब डॉलर रह गई।
भारतीय रिजर्व बैंक के कार्य
मौद्रिक नीति (Monetary Policy) बनाना और लागू करना
बैंकों का रेगुलेटर
नकदी और मुद्रा का प्रबंधन
विदेशी मुद्रा का नियंत्रण (Foreign Exchange Management)
सरकार का बैंकर
वित्तीय स्थिरता बनाए रखना
जब देश में आर्थिक संकट आता है (जैसे 2008 या COVID-19 जैसी स्थिति), तब RBI राहत उपाय (जैसे लोन मॉरेटोरियम, रेट कट) करता है।