काराकाट विधानसभा सीट पर JDU के महाबली सिंह और पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह के बीच कड़ा मुकाबला, जानिए ताज़ा रूझान

बिहार चुनाव 2025 में काराकाट सीट सुर्खियों में है। JDU के महाबली सिंह बढ़त बनाए हुए हैं, जबकि भोजपुरी स्टार पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह पीछे हैं। CPI(ML) के अरुण सिंह भी कड़ी टक्कर दे रहे हैं। जानें सीट का इतिहास, समीकरण और ताज़ा रुझान।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 14 November 2025, 11:24 AM IST
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Patna: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने कई सीटों पर रोचक मुकाबले खड़े कर दिए हैं। इन्हीं में से एक है रोहतास जिले की काराकाट विधानसभा सीट, जहां इस बार मुकाबला पहले से ज्यादा दिलचस्प हो गया है। शुरुआती रुझानों के मुताबिक जेडीयू के महाबली सिंह आगे चल रहे हैं, जबकि भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह फिलहाल पीछे हैं। सीट पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के वरिष्ठ नेता अरुण सिंह भी मजबूत दावेदारी बनाए हुए हैं।

ज्योति सिंह पीछे, मुकाबला हुआ त्रिकोणीय

काराकाट सीट इस चुनाव में पूरे बिहार की चर्चा का विषय बनकर उभरी है। पवन सिंह की 30 वर्षीय पत्नी ज्योति सिंह के मैदान में उतरने से मुकाबला बेहद तीव्र हो गया है। शुरुआती चरण से ही ज्योति ने चुनावी प्रचार को लेकर बड़ा प्रभाव बनाया, लेकिन रुझानों में वह पिछड़ती दिखाई दे रही हैं। ज्योति पहले जन सुराज पार्टी से टिकट चाहती थीं, टिकट न मिलने पर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया।

चुनाव के दौरान पवन सिंह और ज्योति के घरेलू विवाद ने भी सुर्खियां बटोरीं। विवाद बढ़ने पर पवन सिंह ने बीजेपी से टिकट लेने की इच्छा छोड़ दी, वहीं ज्योति ने हलफनामे में पति का नाम तक दर्ज नहीं किया, जिससे मामला और चर्चा में आ गया।

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JDU और CPI(ML) के बीच कड़ी टक्कर

काराकाट सीट पर पारंपरिक लड़ाई जेडीयू और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के बीच देखने को मिलती रही है। इस बार भी महाबली सिंह और अरुण सिंह के बीच सीधे मुकाबले की स्थिति बनती दिख रही है।
महाबली सिंह बढ़त के साथ आगे हैं, जबकि अरुण सिंह लगातार दबाव बनाए हुए हैं।

सीट का राजनीतिक इतिहास

  • काराकाट विधानसभा सीट का गठन वर्ष 1967 में हुआ था। पहली बार यह सीट सोशलिस्ट पार्टी के तुलसी यादव के नाम गई। कांग्रेस ने यहां केवल दो बार 1972 और 1985 में जीत दर्ज की।
  • CPI(ML) के अरुण सिंह 2000, 2005 और 2010 में तीन बार विधायक रहे।
  • 2010 और 2015 के चुनावों में क्रमशः JDU और RJD ने कब्जा जमाया।
  • 2020 में अरुण सिंह ने वापसी करते हुए सीट जीती।
  • जनजातीय और पिछड़े वर्ग की उपस्थिति इस क्षेत्र में चुनावी परिणामों को काफी प्रभावित करती है।
  • सीट पर 17.61% अनुसूचित जाति और लगभग 8.6% मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं।

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NDA को मिल रहा बढ़त का फायदा

राज्यभर की तरह काराकाट में भी एनडीए का प्रदर्शन अब तक बेहतर रहा है। रुझानों में NDA को बहुमत मिलता दिख रहा है, जिसका असर स्थानीय सीटों पर भी साफ नजर आ रहा है। Mahabali Singh की बढ़त इसी व्यापक माहौल का प्रतिबिंब है।

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  • patna

Published : 
  • 14 November 2025, 11:24 AM IST