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Bihar News: पटना में फेयर प्राइस डीलर्स का उग्र प्रदर्शन, पुलिस से भिड़ंत, लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल

पटना में फेयर प्राइस डीलर्स ने अपनी नियमितीकरण और वेतनमान की मांग को लेकर डाकबंगला चौराहे पर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने सीएम हाउस का घेराव करने की कोशिश की, जिस दौरान पुलिस से झड़प हो गई। हालात बेकाबू होते देख पुलिस को वाटर कैनन और लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा।
Post Published By: Nidhi Kushwaha
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Bihar News: पटना में फेयर प्राइस डीलर्स का उग्र प्रदर्शन, पुलिस से भिड़ंत, लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल

Patna: राजधानी पटना के डाकबंगला चौराहे पर शुक्रवार को उस समय तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई जब राज्यभर से आए हजारों फेयर प्राइस डीलर्स ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए सीएम हाउस की ओर कूच करने की कोशिश की। प्रदर्शनकारी ‘जन वितरण प्रणाली को बचाओ’ और ‘विक्रेताओं को नियमित करो’ जैसे नारों के साथ सड़कों पर उतरे और डाकबंगला चौराहे को जाम कर दिया।

सीएम हाउस की ओर बढ़ने की कोशिश

प्रदर्शनकारी जब पुलिस की घेराबंदी तोड़ते हुए मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़ने लगे, तब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इसी दौरान स्थिति बेकाबू हो गई और फेयर प्राइस डीलर्स ने डीएसपी (लॉ एंड ऑर्डर) कृष्ण मुरारी प्रसाद का कॉलर पकड़कर विरोध जताया। इसके बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी झड़प हो गई।

लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पहले वाटर कैनन का प्रयोग किया, लेकिन जब हालात काबू में नहीं आए तो लाठीचार्ज करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे शांतिपूर्वक अपनी मांगों के समर्थन में मार्च कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने बल प्रयोग कर दिया।

पदयात्रा से शुरू हुआ आंदोलन

फेयर प्राइस डीलर्स एसोसिएशन के नेतृत्व में यह आंदोलन 9 अगस्त को पश्चिम चंपारण के भितिहरवा स्थित गांधी आश्रम से पदयात्रा के रूप में शुरू हुआ था। यह यात्रा विभिन्न जिलों से होते हुए अब पटना के गांधी मैदान और फिर डाकबंगला चौराहे तक पहुंची है।

डीलर्स की प्रमुख मांगें

प्रदर्शनकारी डीलर्स की मुख्य मांग है कि जन वितरण प्रणाली (PDS) के तहत कार्यरत सभी विक्रेताओं को नियमित किया जाए और उन्हें तय वेतनमान दिया जाए। उनका कहना है कि सरकार ने बार-बार आश्वासन दिया लेकिन अब तक कोई ठोस नीति या आदेश नहीं जारी किया गया। डीलर्स का यह भी आरोप है कि उन्हें न्यूनतम मजदूरी भी नहीं मिल रही है और उनकी जीविका असुरक्षित बनी हुई है।

डीलर्स का कहना है कि वे कई वर्षों से सेवा दे रहे हैं, लेकिन न तो उन्हें कर्मचारी का दर्जा मिला और न ही स्थायी लाभ। उनके अनुसार, जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने चेतावनी दी है कि
अगर सरकार ने शीघ्र कोई निर्णय नहीं लिया, तो वे राज्यव्यापी हड़ताल पर जा सकते हैं।

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