Patna: बिहार विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण में चिरैया क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार और वर्तमान विधायक लाल बाबू प्रसाद गुप्ता को जनता का विरोध झेलना पड़ा। चुनाव प्रचार के आखिरी दिन, जब उन्होंने क्षेत्रवासियों से वोट की अपील की, तो कुछ युवाओं ने उनसे सवाल करना शुरू कर दिया। यह विरोध प्रदर्शन सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और वीडियो तेजी से चर्चा में आया।
युवक ने उठाया विवादित मुद्दा
एक युवक ने सीधे लाल बाबू से पूछा कि जब वे पासपोर्ट सत्यापन के लिए थाने जाते हैं और विधायक को फोन करते हैं, तो उन्हें 1,200 से 1,500 रुपये की रिश्वत देने के लिए कहा जाता है। युवक ने कहा, “आपसे फोन पर कहा गया कि अगर पैसे देंगे, तो काम हो जाएगा। ऐसे में हम आपको वोट क्यों दें?” यह सवाल विधायक के लिए अचानक और अप्रत्याशित था।
बिहार के चिरैया से भाजपा प्रत्याशी और विधायक से एक बेरोजगार युवक ने सवाल किया तो हो गयी बोलती बंद ,
” जब पासपोर्ट की जांच पड़ताल के लिए थाने में आप हमें 1500 – 2000 रूपये की रिश्वत देने के लिये कहते है तो हम आपको वोट क्यों दे ,”….? pic.twitter.com/sZHbtfIrvt
— Nargis Bano (@Nargis_Bano78) November 9, 2025
विधायक की हुई बोलती बंद
युवक के सवाल के बाद लाल बाबू ने हाथ जोड़कर सफाई देने की कोशिश की और कहा, “नहीं, ऐसी बात नहीं है।” इसके बाद युवक ने दबाव बनाया कि जनता की बात सुनो। गुस्से में विधायक ने विवादित बयान देते हुए कहा, “अगर कोई 5 रुपये की रिश्वत की बात करेगा, तो मैं उसकी ज़बान काट दूंगा।” इसके साथ ही उन्होंने गाली-गलौज भी की। इस पूरे घटनाक्रम ने निर्वाचन क्षेत्र में उनके खिलाफ असंतोष को और बढ़ा दिया।
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ग्रामीणों में बढ़ती नाराजगी
स्थानीय लोग लगातार आरोप लगा रहे हैं कि थाने से लेकर ब्लॉक स्तर तक रिश्वतखोरी व्याप्त है, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। जनता का मानना है कि भ्रष्टाचार के मामलों को नजरअंदाज किया जा रहा है और यही कारण है कि विधायक के खिलाफ गुस्सा बढ़ा।
विधायक की शांतिपूर्वक विदाई
विरोध और सवालों के बावजूद, लाल बाबू प्रसाद गुप्ता ने कोई ठोस जवाब नहीं दिया। हाथ जोड़कर चुपचाप वहां से चले गए, जिससे यह प्रतीत हुआ कि वे इस विवाद को टालने की कोशिश कर रहे थे। इस घटना ने स्पष्ट कर दिया कि चुनाव प्रचार के आखिरी दिन भी जनता भ्रष्टाचार और रिश्वत के मामलों पर सख्त रुख अपना रही है।
जनता की नाराजगी और चुनावी असर
चिरैया का यह मामला दिखाता है कि चुनावी आखिरी दिनों में भी जनता अपनी आवाज़ उठाने से पीछे नहीं हट रही है। यह विरोध न केवल सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना है बल्कि संभावित रूप से चुनाव परिणाम पर भी असर डाल सकता है। जनता की नाराजगी और आरोपों का असर लाल बाबू प्रसाद गुप्ता की चुनावी संभावनाओं पर देखा जाएगा।

