Gaya: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के मंत्रियों और नेताओं की टीम विधानसभा क्षेत्रों में लगातार सक्रियता दिखा रही है। इसी कड़ी में गया जिले के अतरी और बोधगया विधानसभा क्षेत्रों में राजग की पहली सभा हुई। इस दौरान नेताओं ने हुंकार भरी कि आने वाले चुनाव में गठबंधन दमखम के साथ मैदान में उतरेगा।
30 साल से यादव परिवार का दबदबा
सूत्रों के मुताबिक, अतरी विधानसभा क्षेत्र पर लंबे समय से राजद और यादव परिवार का कब्जा रहा है। 1990 में राजेन्द्र यादव पहली बार विधायक बने। आपराधिक मामले में सजायाफ्ता होने के बाद 2005 में उनकी पत्नी कुंती देवी विधायक बनीं। कुंती देवी के निधन के बाद उनके बेटे रंजीत यादव उर्फ अजय यादव ने सीट संभाली। इस तरह तीन दशक से यह सीट एक ही परिवार के कब्जे में है।
2010 में टूटी थी परंपरा
सिर्फ 2010 के विधानसभा चुनाव में जदयू के कृष्णनंदन प्रसाद यादव ने जीत दर्ज की थी। अब राजग फिर से इस सीट पर दावा ठोकने की तैयारी कर रहा है। सभा में नेताओं का उत्साह और आपसी बहस तक होना इस बात का संकेत है कि राजग इस बार किसी भी सूरत में मौका हाथ से नहीं जाने देना चाहता।
बोधगया में भी बढ़ाई सक्रियता
राजग का सम्मेलन बोधगया विधानसभा क्षेत्र के फतेहपुर में आयोजित हुआ। यह सीट सुरक्षित है और यहां भी राजद की पकड़ मजबूत मानी जाती है।इस सीट से राजद अब तक 5 बार चुनाव जीत चुकी है।भाकपा ने 3 बार, भाजपा और कांग्रेस ने 2-2 बार जीत दर्ज की है।
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2020 चुनाव का समीकरण
पिछले विधानसभा चुनाव (2020) में राजद के कुमार सर्वजीत ने भाजपा उम्मीदवार हरि मांझी को 4708 वोट से हराया था। यह अंतर बेहद कम था। राजग अब इस अंतर को पाटने और बोधगया सीट पर फिर से अपनी पकड़ मजबूत करने की रणनीति बना रहा है। इस तरह साफ है कि गया जिले में एनडीए अब कोई भी ढील देने के मूड में नहीं है और राजद की परंपरागत पकड़ को कमजोर करने के लिए पूरी ताकत झोंक रहा है।

