यूपी: खाने के सैंपल की जांच-परख करने वाली लैब अवैध

डीएन संवाददाता

मिठाई की दुकानों या रेस्टोरेंट में खाने की मिलावट को लेकर हुई छापेमारी के बाद खाने के सैंपल लिए जाते हैं। इन खाने के सैंपल की जांच करने वाली लैब अवैध है।

श्रोत: इंटरनेट
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इलाहाबाद: खाद्य सामग्री की निपुणता के लिए आए दिन छापेमारी होती रहती है। ऐसे में दुकानों या फिर किसी रेस्टोरेंट में छापेमारी के दौरान वहां से खानपान के सैंपल इकट्ठा किए जाते हैं और फिर उन्हें जांच के लिए लैब भेजा जाता है। लेकिन उत्तर प्रदेश की कई लैब ऐसी हैं जो अवैध हैं। ये चौंकाने वाला खुलासा भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक की जनरल और सोशल सेक्टर की ऑडिट रिपोर्ट में हुआ है।

प्रधान महालेखाकार पीके कटारिया ने बताया कि 1250 खाद्य नमूनों की जांच की गई तो पता चला कि 335 (27 प्रतिशत) कारोबारी बिना वैध लाइसेंस के कारोबार संचालित कर रहे हैं। खाद्य विभाग के पास नमूना इकट्ठा करने के लिए कोई प्रक्रिया, मानक अवधि निर्धारित नहीं होने के कारण नमूना संग्रहण की प्रक्रिया पारदर्शी नहीं थी।

6 में से 5 लैब की मान्यता नहीं

यूपी की कुल 6 में से 5 राज्य प्रयोगशालाओं के पास नेशनल एक्रिडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेट्रीज (एनएबीएल) की मान्यता नहीं है। ये पांच प्रयोगशालाएं आगरा, मेरठ, गोरखपुर, वाराणसी और झांसी में हैं। खबरों के मुताबिक आवश्यक उपकरणों की कमी के कारण ये प्रयोगशालाएं खाद्य पदार्थों की सभी प्रकार की जांच करने में सक्षम नहीं हैं।

 










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