

एक तरफ सरकार जहाँ जल संरक्षण के लिए नए तालाब बनवाने की बात करती है, तो वहीं दूसरी तरफ 200 वर्ष पुराने तालाब का नाम गांव के नक्शे से हटा दिया गया है।
एक तरफ सरकार जहाँ जल संरक्षण के लिए नए तालाब बनवाने की बात करती है, तो वहीं दूसरी तरफ 200 वर्ष पुराने तालाब का नाम गांव के नक्शे से हटा दिया गया है।
फतेहपुर: यूपी के फतेहपुर में 200 साल पुराने तालाब का नाम गांव के नक्शे से हटा दिया गया है। यह मामला फतेहपुर के मलवां ब्लाक के ग्राम पंचायत दावतपुर का है। ग्रामीणों का कहना है कि साल 1962 की चकबंदी में तालाब नक्शे में दर्ज था लेकिन सब लोगों की मिलीभगत से इसे हटा दिया गया।
साथ ही ग्रामीणों का कहना है कि तालाब खुदवाने के लिए संबंधित अधिकारियों से कहा गया लेकिन हमारी कोई सुनवाई नहीं है। उनका कहना है कि तालाब नक्शे में नहीं है। बारिश के दिनों में पूरे गांव में जलभराव की स्थित पैदा हो जाती है। लगभग पूरे गांव का पानी यहाँ आता है। लेकिन जल निस्तारण की कोई व्यवस्था नहीं है।
साथ ही गांव वालों ने बताया कि बिंदकी विधायक कर्ण सिंह पटेल लगातार हमें आश्वासन दे रहें हैं। बारिश आते ही हमारा जीना दूभर हो जाता है। हम लोग गरीब है इसलिए हमारी कहीं कोई सुनवाई नहीं है। ग्रामीणों ने ये भी कहा कि ग्राम प्रधान, सेक्रेटरी और पंचायत मित्र हमारी कोई सुनवाई नहीं करता है। सभी भ्रष्ट्राचार में लिप्त है। गांव की सभी योजनाओं में सभी लोग मिलीभगत से काम करते है। गांव का सफाई कर्मी भी गायब रहता है। गांव के तालाब ठेकों और मशीनों से खुदवाये जाते है। कोई भी अधिकारी यहां कभी नहीं आता है।
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