गर्भवती छात्राओं के लिए विश्वविद्यालय का नया नियम

गर्भवती छात्राओं के लिए विश्वविद्यालय ने एक नया नियम बनाया है। ऐसी छात्राओं के लिए यह खबर काफी महत्वपूर्ण है।

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 6 July 2017, 2:05 PM IST
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कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर के छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय ने नया अध्यादेश जारी किया है। इस अध्यादेश के अनुसार विश्वविद्यालय परिसर व संबद्ध बीपीएड व एमपीएड कालेजों में पढ़ने वाली छात्राओं के गर्भवती होने पर उन्हें उस साल की परीक्षा छोड़नी होगी।

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दो साल के इन पाठ्यक्रमों को पास करने के लिए ऐसी गर्भवती छात्राओं को अब अधिकतम चार साल का समय दिया जाएगा। बोर्ड आफ स्टडीज ने विश्वविद्यालय के इस नये नियम को मंजूरी दे दी हैं।

बता दें कि नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन की गाइडलाइन के तहत विश्वविद्यालय प्रशासन ने अध्यादेश में संशोधन करते हुए यह नियम बनाया है। छात्र-छात्राओं को कालेज में नियमित करने के लिए उनकी उपस्थिति की जांच गंभीरता से की जायेंगी। इतना ही नहीं दस दिन तक लगातार अनुपस्थित रहने पर नाम काट दिया जाएगा और फिर से एडिमिशन करने के लिए छात्राओं को एक हजार रुपये की रीएडमिशन फीस भरनी होगी। इसके बाद ही वो फिर से कोर्स ज्वाइन कर सकते हैं।

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