अब तक कौन-कौन रहे हैं भारत के राष्ट्रपति?
राष्ट्रपति देश का सबसे सर्वोच्च पद है। राष्ट्रपति तीनों भारतीय सेनाओं का प्रमुख होता है। राष्ट्रपति को भारत के प्रथम नागरिक का दर्जा मिला है। भारत की स्वतंत्रता से लेकर अब तक 14 राष्ट्रपति चुनाव हुए हैं जिसमें 13 व्यक्ति भारत के राष्ट्रपति चुने गए और छोटे अंतराल के लिए तीन कार्यकारी राष्ट्रपति हुए। डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में जानिए अब तक कौन-कौन रहे हैं भारत के राष्ट्रपति..
डा. राजेन्द्र प्रसाद (1884-1963)
कार्यकाल: (1950-1962), राजनीतिक पार्टी: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस डा. राजेन्द्र प्रसाद आजाद भारत के पहले राष्ट्रपति बने। वो भारत के अब तक के ऐसे राष्ट्रपति हैं जो लगातार दो कार्यकाल तक राष्ट्रपति के पद पर रहे। भारतीय संविधान की कमेटी की तरफ से चुनाव के बाद 26 जनवरी 1950 को स्वतंत्र और गणतंत्र भारत के पहले राष्ट्रपति के रुप में राजेंद्र प्रसाद ने ग्रहण किया। राजनीति में आने से पहले डा. राजेन्द्र एक अध्यापक और वकील भी रहे। डा. राजेन्द्र प्रसाद ने पूरे देश में शैक्षणिक विकास को बहुत बढ़ावा दिया और कई अवसरों पर नेहरु सरकार को भी शिक्षा संबंधी सलाह दी।
डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (1888-1975)
कार्यकाल: (1962-1967), राजनीतिक पार्टी: स्वतंत्र दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन बने। वह एक महान दर्शनशास्त्री, लेखक, राज्य के सूरमा, और राजनीतिज्ञ थे जो भारत (1952-1962) के पहले उपराष्ट्रपति के रुप में चयनित हुए थे। वो आन्ध्र और बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के उपकुलपति भी रहे है। राष्ट्रपति बनने से पहले 1954 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाज़ा गया था। 1963 में श्रेष्ठता के ब्रिटीश रॉयल ऑर्डर के सम्माननीय सदस्य और 1931 में नाइटहुड की उपाधि से नवाज़ा गया। इनके जन्म दिवस 5 सितंबर को पूरे देश में अध्यापक दिवस के रुप में मनाया जाता है।
डा. जाकिर हुसैन (1897-1969)
कार्यकाल: (1967-1969), राजनीतिक पार्टी : स्वतंत्र डा. जाकिर हुसैन भारत तीसरे राष्ट्रपति बने। वह भारत के पहले मुस्लिम राष्ट्रपति के रुप में भी जाने जाते है। डा. जाकिर हुसैन बिहार के गर्वनर (1957 से 1962) और देश के उपराष्ट्रपति (1962 से 1967) भी रहे। 1963 में ज़ाकिर हुसैन को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न और पद्म विभूषण से नवाज़ा गया। जाकिर हुसैन देश के पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं जिनकी मृत्यु अपने कार्यकाल के दौरान हुई।
वराहगिरि वेंकट गिरि (1894-1980)
कार्यकाल: (3 मई 1969–20 जुलाई 1969), राजनीतिक पार्टी: स्वतंत्र डॉ ज़ाकिर हुसैन की मृत्यु के बाद वी.वी गिरी को कार्यकारी राष्ट्रपति के तौर पर नियुक्त कर दिया गया था। अगले राष्ट्रपति चुनाव में भाग लेने के लिये इन्होंने कुछ महीने बाद ही पद से इस्तीफा दे दिया। कार्यकारी राष्ट्रपति के तौर पर उनका कार्यकाल सिर्फ 2 महीन और 17 दिन का रहा।
मुहम्मद हिदायतुल्लाह (1905-1992)
कार्यकाल: (20 जुलाई 1969-24 अगस्त 1969), राजनीतिक पार्टी: स्वतंत्र छोटे समय के लिये भारत के कार्यकारी राष्ट्रपति के रुप में न्यायधीश मुहम्मद हिदायतुल्ला को नियुक्त किया गया था। वी.वी. गिरी के इस्तीफा देने के बाद जब तक अगले राष्ट्रापति का चुनाव नहीं हो जाता तब तक मुहम्मद हिदायतुल्लाह कार्यकारी राष्ट्रपति के तौर पर थे। इनका कार्यकाल केवल 1 महीने 4 दिन रहा।
वराहगिरि वेंकट गिरि (1894-1980)
कार्यकाल: (1969-1974), राजनीतिक पार्टी: स्वतंत्र वी.वी गिरी एकमात्र कार्यकारी राष्ट्रपति थे जो भारत के कार्यकारी राष्ट्रपति और फिर बाद में राष्ट्रपति बने। उन्होंने भारत के चौथे राष्ट्रपति के रुप में देश की सेवा की। वी.वी गिरी ने भारत के उपराष्ट्रपति (13 मई 1967 से 3 मई 1969) और कर्नाटक के राज्यपाल (2 अप्रैल 1965 से 13 मई 1967) के पद पर भी कार्यरत रहे।
फखरुद्दीन अली अहमद (1905-1977)
कार्यकाल: (1974-1977), राजनीतिक पार्टी: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस फखरुद्दीन अली अहमद भारत के पाँचवे राष्ट्रपति बने। डॉ ज़ाकिर हुसैन के बाद फखरुद्दीन अली अहमद भारत के दूसरे मुस्लिम राष्ट्रपति बने। अपने कार्यकाल को पूरा करने से पहले ही 11 फरवरी 1977 को इनकी मृत्यु हो गई। ये दूसरे राष्ट्रपति ऐसे थे जिनकी मृत्यु अपने कार्यालय में हुई। राष्ट्रपति बनने से पहले वो मंत्री भी रहे। इंग्लैंड में जवाहर लाल नेहरु से मिलने के बाद वो कांग्रेस में शामिल हो गये और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी सक्रिय भूमिका निभाई।
बासप्पा दनप्पा जत्ती (1912-2002)
कार्यकाल: (11 फरवरी 1977-25 जुलाई 1977), राजनीतिक पार्टी: स्वतंत्र अपने कार्यकाल के दौरान फ़ख़रुद्दीन अली अहमद की मृत्यु के बाद भारत के कार्यकारी राष्ट्रपति के रुप में बासप्पा दनप्पा जत्ती को नियुक्त किया गया। वो भारत के उपराष्ट्रपति (1 सितंबर 1974 से 25 जुलाई 1977), ओड़ीसा के राज्यपाल (8 नवंबर 1972 से 20 अगस्त 1974), पुडुचेकी के उपराज्यपाल (14 अक्टूबर 1968 से 7 नवंबर 1972) और मैसूर (16 मई 1958 से 9 मार्च 1962) के मुख्यमंत्री भी रहे।
नीलम संजीव रेड्डी (1913-1996)
कार्यकाल: (1977-1982), राजनीतिक पार्टी: जनता पार्टी नीलम संजीवा रेड्डी भारत छटवें व्यक्ति राष्ट्रपति थे। रेड्डी देश के सबसे युवा राष्ट्रपति थे साथ ही ये आंध्र प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री (1 नवंबर 1956 से 11 जनवरी 1960) भी बने। ये जनता पार्टी से चुने हुए एक मात्र संसद सदस्य बने जो आंध्र प्रदेश से चयनित हुये थे। भारत का राष्ट्रपति बनने के लिये इन्होंने लोकसभा का स्पीकर पद 13 जुलाई 1977 को छोड़ दिया।
ज्ञानी जैल सिंह (1916-1994)
कार्यकाल: (1982-1987), राजनीतिक पार्टी: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भारत के सातवें राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह बने। इन्होंने 1972 में पंजाब के कांग्रेसी मुख्यमंत्री, गृह मंत्रालय (14 जनवरी 1980 से 22 जून 1982) और गुट-निरपेक्ष आंदोलन (12 मार्च 1983 से 6 सितंबर 1986) के महासचिव तौर पर भी देश की सेवा की।
रामास्वामी वेंकटरमण (1910-2009)
कार्यकाल: (1987-1992), राजनीतिक पार्टी: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भारत के आठवें राष्ट्रपति के रुप में रामास्वामी वेंकटरमन ने सेवा की। इन्होंने भारत के उपराष्ट्रपति (20 अगस्त 1982 से 27 जुलाई 1987), गृह-मंत्रालय (22 जून 1982 से 2 सितंबर 1982), रक्षा मंत्रालय (15 जनवरी 1982 से 2 अगस्त 1984) और वित्त मंत्रालय (14 जनवरी 1980 से 15 जनवरी 1982) के तौर पर भी राष्ट्र की सेवा की।
शंकरदयाल शर्मा (1918-1999)
कार्यकाल: (1992-1997), राजनीतिक पार्टी: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भारत के नौवें राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा रहे। राष्ट्रपति के अलावा इन्होंने भारत के उपराष्ट्रपति (3 सितंबर 1987 से 25 जुलाई 1992), महाराष्ट्र के राज्यपाल (3 अप्रैल 1986 से 2 सितंबर 1987), पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक (26 नवंबर 1985 से 2 अप्रैल 1986), आंध्र प्रदेश के राज्यपाल (29 अगस्त 1984 से 26 नवंबर 1985), भोपाल के मुख्यमंत्री (1952 से 1956), कैबिनेट मंत्री (1956 से 1967), केन्द्रीय मंत्री दूरसंचार (1974 से 1977) के रूप में कार्यरत रहे।
के. आर. नारायणन (1920-2005)
कार्यकाल: (1997-2002), राजनीतिक पार्टी: स्वतंत्र भारत के दसवें राष्ट्रपति कोचेरिल रमन नारायण बने। के. आर. नारायण ने राष्ट्रपति के साथ ही भारत के उपराष्ट्रपति (21 अगस्त 1992 से 24 अगस्त 1997) के रुप में भी भारत की सेवा की। वो थाईलैंड, चाईना, तुर्की, और अमेरिका में भारत के दूत भी रह चुके हैं। इन्हें विज्ञान और कानून में डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित भी किया गया है। साथ ही वह कई विश्वविद्यालयों मे कुलपति और जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय में उपकुलपति भी रहे।
ए. पी. जे. अब्दुल कलाम (1931-2015)
कार्यकाल: (2002-2007), राजनीतिक पार्टी: स्वतंत्र भारत के ग्यारहवें राष्ट्रपति ए.पी.जे अब्दुल कलाम थे। अब्दुल कलाम का संबंध राजनीति से नहीं था बल्कि वह एक वैज्ञानिक थे। DRDO और ISRO में विज्ञान प्रशासक रहे। उन्हें भारत का मिसाईल मैन भी कहा जाता है क्योंकि वो भारत के नागरिक अंतरिक्ष कार्यक्रम और सैनिक मिसाइल विकास प्रयास से जुड़े थे। 1997 में अब्दुल कलाम को भारत रत्न से सम्मानित किया गया। इसके अलावा इन्हें पद्म विभूषण (1990) और पद्म भूषण (1981) जैसे कई सम्मानों से नवाज़ा गया है।
प्रतिभा पाटिल (1934)
कार्यकाल: (2007-2012), राजनीतिक पार्टी: राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी प्रतिभा देवी सिंह पाटिल बारहवीं राष्ट्रपति के तौर पर रही। वह भारत की पहली महिला राष्ट्रपति थीं। साथ ही राजस्थान की पहली महिला राज्यपाल (8 नवंबर 2004 से 23 जून 2007) भी रहीं हैं।
प्रणब मुखर्जी (1935)
कार्यकाल: (2012 से अब तक), राजनीतिक पार्टी: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भारत के वर्तमान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी है। 25 जुलाई 2012 में इन्होंने भारत के 13वें राष्ट्रपति के रुप में कार्यभार संभाला। प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 23 जुलाई 2017 को खत्म हो रहा है। राष्ट्रपति बनने से पहले ये कैबिनेट मंत्री के तौर पर वित्त, रक्षा, विदेशमंत्री का कार्यभार संभाल चुके हैं। साथ ही योजना आयोग के उपाध्यक्ष भी रहे।