कोडीन कफ सिरप मामले को लेकर सपा विधायक तूफानी सरोज ने लखनऊ में भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि अगर सरकार सच में गंभीर होती तो अब तक दोषियों के नाम उजागर हो चुके होते। उनके बयान से यूपी की राजनीति में हलचल तेज हो गई है।

Lucknow: कोडीन कफ सिरप मामले को लेकर उत्तर प्रदेश की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। समाजवादी पार्टी के विधायक तूफानी सरोज ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए सवाल खड़े किए हैं। लखनऊ में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में गंभीर होने का सिर्फ दिखावा कर रही है।
तूफानी सरोज ने कहा कि कोडीन कफ सिरप जैसे संवेदनशील और गंभीर मामले में अगर सरकार की मंशा साफ होती, तो अब तक दोषियों के नाम सार्वजनिक हो चुके होते। उन्होंने आरोप लगाया कि बड़े लोग और प्रभावशाली चेहरे जांच के दायरे से बाहर रखे जा रहे हैं। सपा विधायक ने कहा कि यह मामला सिर्फ अवैध कफ सिरप तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है। उनका दावा है कि इस पूरे कारोबार में कई स्तरों पर मिलीभगत है, लेकिन सरकार राजनीतिक दबाव के चलते सच्चाई सामने नहीं आने दे रही।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार कानून-व्यवस्था की बात तो करती है, लेकिन जब बड़े मामलों की निष्पक्ष जांच की बात आती है, तो कदम पीछे खींच लिए जाते हैं। तूफानी सरोज ने मांग की कि इस मामले की स्वतंत्र और पारदर्शी जांच कराई जाए, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।
इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। विपक्ष ने सरकार पर जवाबदेही तय करने का दबाव बढ़ा दिया है, वहीं भाजपा की ओर से अब तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में कोडीन कफ सिरप मामला और तूल पकड़ सकता है, क्योंकि विपक्ष इसे सरकार की कथित नाकामी के रूप में लगातार उठाने के मूड में है।
Lucknow: कोडीन कफ सिरप मामले को लेकर उत्तर प्रदेश की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। समाजवादी पार्टी के विधायक तूफानी सरोज ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए सवाल खड़े किए हैं। लखनऊ में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में गंभीर होने का सिर्फ दिखावा कर रही है।
तूफानी सरोज ने कहा कि कोडीन कफ सिरप जैसे संवेदनशील और गंभीर मामले में अगर सरकार की मंशा साफ होती, तो अब तक दोषियों के नाम सार्वजनिक हो चुके होते। उन्होंने आरोप लगाया कि बड़े लोग और प्रभावशाली चेहरे जांच के दायरे से बाहर रखे जा रहे हैं। सपा विधायक ने कहा कि यह मामला सिर्फ अवैध कफ सिरप तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है। उनका दावा है कि इस पूरे कारोबार में कई स्तरों पर मिलीभगत है, लेकिन सरकार राजनीतिक दबाव के चलते सच्चाई सामने नहीं आने दे रही।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार कानून-व्यवस्था की बात तो करती है, लेकिन जब बड़े मामलों की निष्पक्ष जांच की बात आती है, तो कदम पीछे खींच लिए जाते हैं। तूफानी सरोज ने मांग की कि इस मामले की स्वतंत्र और पारदर्शी जांच कराई जाए, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।
इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। विपक्ष ने सरकार पर जवाबदेही तय करने का दबाव बढ़ा दिया है, वहीं भाजपा की ओर से अब तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में कोडीन कफ सिरप मामला और तूल पकड़ सकता है, क्योंकि विपक्ष इसे सरकार की कथित नाकामी के रूप में लगातार उठाने के मूड में है।