Uttarakhand News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को देश के किसानों को एक और बड़ी सौगात दी। उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना की 20वीं किस्त के तहत 9.71 करोड़ से अधिक किसानों के खातों में 20,500 करोड़ रुपये की राशि सीधे डिजिटल माध्यम से ट्रांसफर की। इस ऐतिहासिक अवसर पर उत्तराखंड के 8 लाख 28 हजार 787 किसानों को 184.5 करोड़ रुपये की मदद दी गई।
क्या बोले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून स्थित गढ़ी कैंट से इस कार्यक्रम में वर्चुअली हिस्सा लिया और किसानों को बधाई दी। उन्होंने प्रधानमंत्री की किसान हितैषी नीतियों की सराहना करते हुए कहा कि “मोदी जी के नेतृत्व में देश के अन्नदाता आत्मनिर्भर बन रहे हैं और उनकी आय दोगुनी करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।”
करीब 3,300 करोड़ रुपये की सहायता दी जा चुकी
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि अब तक उत्तराखंड के किसानों को PM-KISAN योजना के अंतर्गत करीब 3,300 करोड़ रुपये की सहायता दी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि किसानों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए राज्य सरकार ने भी कई प्रभावशाली योजनाएं लागू की हैं।
कृषि क्षेत्र में उत्तराखंड सरकार की पहलें
- ब्याज मुक्त ऋण: किसानों को तीन लाख रुपये तक का कृषि ऋण बिना ब्याज के उपलब्ध कराया जा रहा है।
- फार्म मशीनरी बैंक योजना: कृषि यंत्र खरीदने के लिए 80% तक सब्सिडी दी जा रही है।
- नहरों से सिंचाई: किसानों को सिंचाई के लिए नहरों का उपयोग पूरी तरह निशुल्क किया गया है।
- पॉलीहाउस निर्माण: इसके लिए 200 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है।
- गेहूं बोनस: किसानों को 20 रुपये प्रति क्विंटल का अतिरिक्त बोनस दिया जा रहा है।
- गन्ना मूल्य वृद्धि: गन्ने के समर्थन मूल्य में भी 20 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है।
नई सब्जी नीति, स्टेट मिलेट मिशन और ड्रैगन फ्रूट नीति लागू
मुख्यमंत्री धामी ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने 1,200 करोड़ रुपये की लागत से नई सब्जी नीति, स्टेट मिलेट मिशन और ड्रैगन फ्रूट नीति लागू की है। इन योजनाओं के अंतर्गत 80 प्रतिशत तक बागवानी सब्सिडी दी जा रही है। जिससे किसानों को फलों और सब्जियों की खेती में अतिरिक्त लाभ हो रहा है।
राज्य को मिल रहे राष्ट्रीय पुरस्कार
कार्यक्रम में कृषि मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि उत्तराखंड को हाल ही में मिलेट सेक्टर में देश का सर्वश्रेष्ठ प्रदेश चुना गया है। इसके अलावा जैविक खेती और मृदा स्वास्थ्य सुधार के क्षेत्र में भी उत्तराखंड को राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुए हैं।