रामनगर में कांग्रेस ने मनरेगा का नाम बदलने के प्रस्ताव का विरोध किया। वरिष्ठ नेता रणजीत रावत के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने भाजपा सरकार का पुतला दहन किया। कांग्रेस ने इसे महात्मा गांधी के अपमान और जनविरोधी कदम बताया।

रामनगर में मनरेगा विरोध प्रदर्शन
Ramnagar: महात्मा गांधी नेशनल ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का नाम बदलने के प्रस्ताव के विरोध में कांग्रेस ने संसद से लेकर सड़कों तक आंदोलन तेज कर दिया है। इसी कड़ी में रामनगर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और पुतला दहन किया।
पूर्व विधायक और वरिष्ठ नेता रणजीत रावत ने कहा कि मनरेगा दुनिया की सबसे बड़ी ग्रामीण रोजगार देने वाली योजना है, जिसे विश्व बैंक ने भी मान्यता दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री द्वारा इसे कांग्रेस की असफलताओं का स्मारक बताना दुर्भाग्यपूर्ण और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान है।
रणजीत रावत ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान जब देशभर में फैक्ट्रियां, दुकानें और स्कूल बंद हो गए थे, मनरेगा गरीबों और ग्रामीणों के लिए जीवन रेखा बनी। इस योजना के माध्यम से लाखों लोगों को रोजगार मिला और उनके परिवारों का भरण-पोषण संभव हुआ।
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उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की “डबल इंजन सरकार” ने लोकसभा में मनरेगा का नाम बदलने का प्रस्ताव रखा है। कांग्रेस इसे राष्ट्रपिता के अपमान और जनविरोधी मानसिकता का प्रतीक मानती है। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी सरकार ने खादी ग्राम उद्योग से गांधी जी की तस्वीर हटाई और अब मनरेगा से उनका नाम हटाने की कोशिश की जा रही है।
पुतला दहन
रणजीत रावत ने तीखे शब्दों में कहा कि यह सरकार डर की वजह से इतिहास मिटाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी को देश और जनता के दिलों से नहीं हटाया जा सकता। देश के विकास के हर पन्ने और पत्थर पर इन नेताओं के नाम अंकित हैं।
पूर्व विधायक ने चेतावनी दी कि आज मनरेगा का नाम बदला जा रहा है, कल नोटों से गांधी जी की तस्वीर हटाने की कोशिश की जाएगी। कांग्रेस ऐसे हर प्रयास का पुरजोर विरोध करेगी। इस विरोध के तहत कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा सरकार का पुतला दहन कर अपनी नाराजगी जताई और प्रस्ताव वापस लेने की मांग की।
रामनगर में यह विरोध प्रदर्शन सिर्फ स्थानीय नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बन गया है। कांग्रेस ने यह संदेश दिया कि वे महात्मा गांधी और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को इतिहास से मिटने नहीं देंगे।
मनरेगा का नाम बदलने का प्रस्ताव कांग्रेस और स्थानीय जनता के बीच विवाद का कारण बन गया है। रामनगर में हुए प्रदर्शन और पुतला दहन ने सरकार को संदेश दिया कि जनविरोधी निर्णयों के खिलाफ आवाज उठाई जाएगी।