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धराली आपदा राहत के लिए किरण चौधरी का बड़ा निर्णय: छह माह का मानदेय मुख्यमंत्री राहत कोष को दिया

उत्तरकाशी जिले के धराली क्षेत्र में हाल ही में बादल फटने की भयावह घटना के बाद जहां राज्य सरकार और प्रशासन राहत एवं बचाव कार्यों में जुटा है, वहीं जनप्रतिनिधि भी इस संकट की घड़ी में अपनी भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने इस बाबत अपर मुख्य अधिकारी को पत्र लिखते हुए अनुरोध किया है कि उनका आगामी छह महीने का मानदेय सीधे मुख्यमंत्री राहत कोष में स्थानांतरित किया जाए।
Post Published By: Rohit Goyal
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धराली आपदा राहत के लिए किरण चौधरी का बड़ा निर्णय: छह माह का मानदेय मुख्यमंत्री राहत कोष को दिया

Uttarakhand: उत्तरकाशी जिले के धराली क्षेत्र में हाल ही में बादल फटने की भयावह घटना के बाद जहां राज्य सरकार और प्रशासन राहत एवं बचाव कार्यों में जुटा है, वहीं जनप्रतिनिधि भी इस संकट की घड़ी में अपनी भूमिका निभा रहे हैं। इसी क्रम में हरिद्वार की जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी ने एक अनुकरणीय पहल करते हुए अपने छह माह के नियत मानदेय को मुख्यमंत्री राहत कोष में दान देने का बड़ा निर्णय लिया है।

उन्होंने इस बाबत अपर मुख्य अधिकारी को पत्र लिखते हुए अनुरोध किया है कि उनका आगामी छह महीने का मानदेय सीधे मुख्यमंत्री राहत कोष में स्थानांतरित किया जाए, ताकि उसे थराली क्षेत्र में चल रहे राहत एवं पुनर्वास कार्यों में उपयोग किया जा सके। पत्र में उन्होंने कहा है कि उत्तरकाशी जिले के धराली क्षेत्र में हालिया प्राकृतिक आपदा, विशेषकर बादल फटने की घटना अत्यंत दुःखद, पीड़ादायक और हृदय विदारक है। इस त्रासदी में कई लोगों की जानें गईं और सैकड़ों परिवारों का सब कुछ तबाह हो गया।

उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि घटना के समय से ही सरकार ने तेजी से रेस्क्यू व राहत कार्य प्रारंभ कर दिए थे, जिससे कई जानों को बचाया जा सका और पीड़ितों तक मदद जल्द पहुंची। किरण चौधरी ने कहा कि इस विकट परिस्थिति में केवल सरकार ही नहीं, बल्कि समाज के प्रत्येक वर्ग और व्यक्ति को भी संवेदनशीलता दिखाते हुए आगे आना चाहिए।

उन्होंने अन्य जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों, स्वयंसेवकों और आम नागरिकों से भी अनुरोध किया कि वे आगे बढ़कर थराली क्षेत्र के प्रभावित लोगों की मदद करें। उनका कहना है कि यह समय एकजुट होकर सेवा और सहानुभूति का परिचय देने का है।

किरण चौधरी के इस निर्णय की चारों ओर सराहना हो रही है। लोग इसे न सिर्फ एक मानवीय कदम मान रहे हैं, बल्कि दूसरों को प्रेरणा देने वाला भी बता रहे हैं। उनके इस योगदान से न केवल पीड़ितों को राहत मिलेगी, बल्कि समाज में संवेदनशीलता और सहयोग की भावना को भी बल मिलेगा।

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