Haridwar News: रविवार सुबह हरिद्वार के प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर में दर्शन के लिए उमड़ी भारी भीड़ के बीच भगदड़ मच गई। जिसमें अब तक 7 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है और 15 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। हादसे के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई और श्रद्धालुओं में चीख-पुकार मच गई। अब इस मामले में हादसे का कारण पता चल गया है। इसको लेकर हरिद्वार के एसपी ने बयान जारी किया है।
क्या है पूरा मामला?
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि रविवार सुबह बड़ी संख्या में श्रद्धालु मनसा देवी मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे थे। इसी दौरान मंदिर के पास अचानक एक हाई वोल्टेज बिजली का तार गिरने की सूचना तेजी से वायरल हुई। जिससे वहां मौजूद लोगों में दहशत फैल गई। कुछ लोगों ने बिजली के झटके की आशंका से दौड़ना शुरू कर दिया। देखते ही देखते भगदड़ मच गई और कई लोग एक-दूसरे पर गिरते चले गए।
6 लोगों की मौत की पुष्टि
गढ़वाल डीसी विनय कुमार ने हादसे की पुष्टि करते हुए बताया कि मनसा देवी मंदिर में भारी भीड़ जुटने की वजह से यह दुर्भाग्यपूर्ण हादसा हुआ है। अब तक 6 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और करीब 15 लोग घायल हुए हैं। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।
बिजली विभाग की लापरवाही पर उठे सवाल
हाई वोल्टेज तार गिरने की घटना ने बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रत्यक्षदर्शियों और स्थानीय लोगों का कहना है कि भीड़-भाड़ वाले क्षेत्र में इस तरह खुले में बिजली की तारें लटकना एक बड़ी चूक है। घटना के बाद पुलिस और राहत-बचाव दल मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित किया गया। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है और घायलों का इलाज कराया जा रहा है। जिला प्रशासन ने मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं।
मंदिर में सुरक्षा को लेकर फिर उठे सवाल
मनसा देवी मंदिर उत्तराखंड के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है, जहां सालभर लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। त्योहारों और अवकाश के दिनों में यहां भारी भीड़ जुटती है। इस हादसे ने एक बार फिर मंदिरों में भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मामले में प्रशासन का कहना है कि मामले की पूरी जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए सुरक्षा मानकों की समीक्षा की जाएगी।