Acharya Balkrishna Birthaday: आचार्य बालकृष्ण के जन्मदिन पर आज मनाया जा रहा जड़ी बूटी दिवस, पतंजलि में हो रहा ये खास कार्यक्रम

आचार्य बालकृष्ण जी के जन्मदिवस पर आज ‘जड़ी-बूटी दिवस’ मनाया जा रहा है। पतंजलि में औषधीय पौधों का पौधारोपण और आयुर्वेदिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। इस अवसर पर प्रकृति और स्वास्थ्य के संगम का उत्सव देखा जा रहा है।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 4 August 2025, 10:50 AM IST

Haridwar: आचार्य बालकृष्ण जी के जन्मदिवस के अवसर पर पूरे देश में जड़ी-बूटी दिवस उत्साहपूर्वक मनाया जा रहा है। कार्यक्रम की शुरुआत हवन यज्ञ से हुई, जिसमें पतंजलि और आर्य सभा के सदस्यों ने आचार्य बालकृष्ण की दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य की प्रार्थना की। इसके बाद, गौशाला परिसर में आंवला, गिलोय, बहेड़ा, रीठा, नीम, एलोवेरा, अश्वगंधा, सर्पगंधा, अमलतास सहित कई औषधीय पौधों का पौधारोपण किया गया। इस अवसर पर कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

आचार्य बालकृष्ण का सफर

जब भी पतंजलि का नाम लिया जाता है, तो अधिकांश लोग उसे योग गुरु बाबा रामदेव से जोड़ते हैं। हालांकि, इस स्वदेशी ब्रांड की सफलता की एक और सशक्त कहानी है "आचार्य बालकृष्ण" की। पतंजलि आयुर्वेद के चेयरमैन और सीईओ के रूप में आचार्य बालकृष्ण ने ब्रांड को एक मजबूत वैज्ञानिक और आर्थिक आधार दिया। चुपचाप रहकर कार्य करने वाले बालकृष्ण जी पतंजलि के असली बैकबोन कहे जाते हैं। 4 अगस्त 1972 को हरिद्वार में एक नेपाली परिवार में जन्मे आचार्य बालकृष्ण की शिक्षा दीक्षा गुरुकुल खानपुर, हरियाणा में हुई। यहीं उनकी मुलाकात बाबा रामदेव से हुई, जो आगे चलकर एक मजबूत साझेदारी में बदली।

पतंजलि की नींव और विस्तार

1995 में बाबा रामदेव और आचार्य कर्मवीर के साथ मिलकर दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट की स्थापना की गई। इसके बाद 2006 में पतंजलि आयुर्वेद की शुरुआत हुई। बाबा रामदेव जहां ब्रांड का चेहरा बने, वहीं आचार्य बालकृष्ण ने पूरी संगठनात्मक जिम्मेदारी संभाली। दिलचस्प बात यह है कि बालकृष्ण 15 घंटे प्रतिदिन काम करते हैं, लेकिन वे कंपनी से कोई वेतन नहीं लेते। आचार्य बालकृष्ण ने आयुर्वेद और भारतीय चिकित्सा पद्धति को वैज्ञानिक आधार देकर एक मजबूत व्यावसायिक मॉडल खड़ा किया। पतंजलि के उत्पादों में हर्बल टूथपेस्ट, सौंदर्य प्रसाधन, नूडल्स, खाद्य तेल, औषधियां और जूस शामिल हैं, जो आज घर-घर में पहचान बना चुके हैं। हमेशा सफेद धोती-कुर्ता पहनने वाले बालकृष्ण का जीवन बेहद सादा है। वह लो-प्रोफाइल रहना पसंद करते हैं, लेकिन आज वे भारतीय उपभोक्ता ब्रांड क्षेत्र के सबसे प्रभावशाली चेहरों में शामिल हैं।

आचार्य बालकृष्ण जी के जन्मदिवस पर कार्रक्रम में शामिल हुए कई बच्चे

हर वर्ष मनाया जाता है जड़ी-बूटी दिवस

हर वर्ष 4 अगस्त को आचार्य बालकृष्ण जी के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में देशभर में जड़ी-बूटी दिवस मनाया जाता है। यह दिन केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि एक जागरूकता अभियान है, जिसका उद्देश्य है प्राकृतिक चिकित्सा, आयुर्वेदिक ज्ञान और पर्यावरण-संवेदनशील जीवनशैली को बढ़ावा देना। 2025 में जब दुनिया प्राकृतिक स्वास्थ्य समाधानों की ओर बढ़ रही है, तब जड़ी-बूटी दिवस और भी अधिक प्रासंगिक हो गया है। इस अवसर पर देशभर में हवन, औषधीय पौधों का रोपण और आयुर्वेदिक ज्ञान सत्रों का आयोजन किया जा रहा है।

आचार्य बालकृष्ण, जो पतंजलि आयुर्वेद के चेयरमैन हैं, वह आयुर्वेदिक चिकित्सा और जड़ी-बूटियों के संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। उनका संदेश है कि "जड़ी-बूटियां केवल औषधियां नहीं हैं, बल्कि यह जीवन की ऊर्जा हैं जो शरीर, मन और आत्मा को संतुलन प्रदान करती हैं।" आयुर्वेद में हर जड़ी-बूटी को विशेष स्थान प्राप्त है। यह विज्ञान मानता है कि जड़ी-बूटियां हमारे त्रिदोषों (वात, पित्त, कफ) को संतुलित कर, बिना किसी दुष्प्रभाव के, समग्र रूप से स्वास्थ्य प्रदान करती हैं।

Location : 
  • Haridwar

Published : 
  • 4 August 2025, 10:50 AM IST