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Haridwar: धर्मनगरी में धर्म की आड़ में ऐसे फलफूल रहा नशे का कारोबार

धर्मनगरी हरिद्वार से रविवार को एक चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है। जिसमें धर्म की आड़ में नशे का काला कारोबार चल रहा है।
Post Published By: Jay Chauhan
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Haridwar: धर्मनगरी में धर्म की आड़ में ऐसे फलफूल रहा नशे का कारोबार

हरिद्वार: धर्म और आस्था की नगरी हरिद्वार से रविवार को एक शर्मनाक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने संपूर्ण प्रशासनिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। रानीपुर मोड़ क्षेत्र में स्थित शंकर डेयरी और राणा मोबाइल शॉप पर आबकारी विभाग की छापेमारी में भारी मात्रा में शराब बरामद हुई है। यह दोनों दुकानें वर्षों से धार्मिक और पारंपरिक वस्तुओं की आड़ में शराब बेचने का गोरखधंधा चला रही थीं।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार शंकर डेयरी में जहां एक ओर फ्रीजर में दूध, दही और घी की जगह व्हिस्की और बीयर की बोतलें करीने से सजाकर रखी गई थीं, वहीं पास ही मौजूद राणा मोबाइल शॉप से शराब के पैक और खाली बोतलें बरामद की गईं। छापेमारी के दौरान कुछ ग्राहक शराब लेने के लिए पहुंचे भी थे, लेकिन टीम को देखकर मौके से भाग निकले।

स्थानीय लोगों का कहना है कि इन दुकानों में लंबे समय से खुलेआम शराब बेची जा रही थी, लेकिन आबकारी विभाग अब तक मौन बना रहा। लोगों ने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई केवल औपचारिकता तक सीमित है और जल्द ही यह अवैध कारोबार दोबारा शुरू हो सकता है।

यह घटना केवल कानून व्यवस्था ही नहीं, बल्कि धर्मनगरी की मर्यादा पर भी चोट है। धार्मिक पर्यटकों और श्रद्धालुओं के बीच हरिद्वार की पहचान एक पुण्य भूमि की है, लेकिन इस तरह की घटनाएं उसकी गरिमा को कलंकित कर रही हैं।

स्थानीय लोगों ने कहा कि धार्मिक नगरी में दूध-दही की जगह मिलीभगत से नशे के कारोबार को फैलाने का गोरखधंधा चल रहा है। लोगों ने कहा कि पावन नगरी हरिद्वार जहां समुद्र मंथन से निकला अमृत छलका, पापनाशनी, मोक्षदायिनी मां गंगा की अविरल धारा बहती हो, वहीं ऐसा धार्मिक धाम को नशे के सौदागर शराब, चरस, गांजा, स्मैक जैसे मादक पदार्थों के दलदल में धकेल रहे हैं।

स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि इस प्रकार के व्यापार पर स्थायी रूप से रोक लगाई जाए, दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो और ऐसे दुकानदारों का लाइसेंस रद्द कर उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाए।

इस पूरे मामले ने यह साफ कर दिया है कि धर्म की नगरी में अब धर्म की नहीं, बल्कि धन की आड़ में अधर्म फल-फूल रहा है, जिसे रोकने के लिए प्रशासन को तत्काल और कठोर कदम उठाने होंगे।

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