Haridwar: शासन की ‘गुड गवर्नेंस’ नीति को धरातल पर उतारने और जिले में सरकारी कार्यों में पारदर्शिता, जवाबदेही और समयबद्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से हरिद्वार के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने शुक्रवार को भगवानपुर तहसील एवं विकासखंड कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। डीएम दीक्षित ने निरीक्षण के दौरान अधिकारियों-कर्मचारियों की उपस्थिति, कार्यालयीन कार्यप्रणाली और जन समस्याओं के निस्तारण की वस्तुस्थिति का गहनता से आकलन किया।
सबसे पहले जिलाधिकारी भगवानपुर तहसील कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने बायोमेट्रिक उपस्थिति रजिस्टर की जांच की और साफ शब्दों में निर्देश दिए कि सभी अधिकारी-कर्मचारी अपनी उपस्थिति अनिवार्य रूप से बायोमेट्रिक मशीन में दर्ज कराना सुनिश्चित करें। बार-बार देरी से पहुंचने वालों पर सख्ती बरतने के निर्देश देते हुए उन्होंने संबंधित अधिकारियों को ऐसे कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने को कहा।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार डीएम ने पटल सहायकों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी विभागीय कार्य पारदर्शी ढंग से और निर्धारित समय सीमा में पूरे किए जाएं। उन्होंने कहा कि कार्यालय में आने वाले आम लोगों की समस्याओं का निस्तारण प्राथमिकता से किया जाए, ताकि लोगों को बेवजह चक्कर न काटने पड़ें। उन्होंने मौजूद अधिकारियों से कहा कि शिकायतों के समाधान की नियमित मॉनिटरिंग की जाए और लंबित प्रकरणों को शीघ्र निपटाया जाए।
तहसील न्यायालय में तीन वर्ष या उससे अधिक समय से लंबित मामलों को लेकर डीएम ने विशेष चिंता व्यक्त की और ऐसे प्रकरणों के निस्तारण के लिए अलग से कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि न्यायालयीन मामलों के शीघ्र समाधान से जनता को त्वरित न्याय मिलेगा, जो शासन की प्राथमिकताओं में शामिल है।
निरीक्षण के दौरान उप जिलाधिकारी देवेंद्र सिंह नेगी, खंड विकास अधिकारी आलोक, तहसीलदार दयाराम और नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे। डीएम दीक्षित ने स्पष्ट संकेत दिए कि भविष्य में भी इसी प्रकार के औचक निरीक्षण जारी रहेंगे। उन्होंने कहा कि लापरवाही या शिथिलता कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शासन की मंशा के अनुरूप पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन ही विकास की कुंजी है।