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Fake Currency: हरिद्वार में नकली नोट गिरोह का भंडाफोड़, जाली नोटों से भरी दो गाड़ियां बरामद

हरिद्वार पुलिस ने नकली नोटों के गोरखधंधे का पर्दाफाश कर एक संगठित गिरोह को गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता हासिल की है। पढिये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: Rohit Goyal
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Fake Currency: हरिद्वार में नकली नोट गिरोह का भंडाफोड़, जाली नोटों से भरी दो गाड़ियां बरामद

हरिद्वार: पुलिस ने नकली नोटों के गोरखधंधे का पर्दाफाश कर एक संगठित गिरोह को गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता हासिल की है। यह कार्रवाई कप्तान परमेंद्र सिंह डोभाल के नेतृत्व में की गई, जिन्होंने इससे पहले गंगनहर क्षेत्र में कसीनो प्रकरण का भी खुलासा किया था। अब एक बार फिर उनकी टीम ने सतर्कता और सूझबूझ का परिचय देते हुए नकली करेंसी रैकेट का खुलासा किया है।

पुलिस को 27 जून को इनपुट मिला कि लक्ष्मी नगर कॉलोनी में एक संदिग्ध व्यक्ति नकली नोटों के साथ सक्रिय है। इसी सूचना पर कार्यवाही करते हुए पुलिस ने तत्काल दबिश दी और मौके से एक व्यक्ति को हिरासत में लिया। तलाशी के दौरान उसके पास से 500-500 रुपये के जाली नोटों से भरी दो गाड़ियां बरामद हुईं।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार जांच आगे बढ़ाते हुए पुलिस ने उसी कॉलोनी के पास एक कमरे में छापा मारा, जहां से दो अन्य व्यक्तियों को भी गिरफ्तार किया गया। वहां से नकली नोट छापने का पूरा सेटअप बरामद हुआ जिसमें 500 के नोटों के 12 बंडल, चार मोबाइल फोन, दो बड़े और दो छोटे ब्लैक मिरर शीशे, दो केमिकल की बोतलें, और एक एचपी प्रिंटर शामिल था।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान बालेश्वर उर्फ बाली (निवासी सिरमौर, हिमाचल प्रदेश; हाल निवासी देहरादून), मनीष कुमार (निवासी लक्सर) और हिमांशु (निवासी वर्ल्ड बैंक कॉलोनी, रुड़की) के रूप में हुई है। इन तीनों के खिलाफ कोतवाली रुड़की में मुकदमा संख्या 230/2025 दर्ज कर उन्हें न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है। पुलिस अभी गिरोह से जुड़े अन्य पांच फरार आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है।

इस पूरी कार्रवाई को प्रभारी उपनिरीक्षक अंकुर शर्मा, उपनिरीक्षक ध्वजवीर, आनंद मेहरा, हेड कांस्टेबल अश्वनी यादव सहित कुल 14 सदस्यीय टीम ने अंजाम दिया। यह ऑपरेशन कप्तान परमेंद्र सिंह डोभाल की कुशल नेतृत्व क्षमता और हरिद्वार पुलिस की मुस्तैदी का एक और उदाहरण बन गया है।

इस सफलता से न सिर्फ नकली करेंसी के बड़े नेटवर्क पर चोट पहुंची है, बल्कि आम जनता में भरोसा भी बढ़ा है कि पुलिस अपराध के खिलाफ पूरी तत्परता से जुटी हुई है।

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