देहरादून के डोईवाला में जमीन से जुड़े विवादों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। रानी पोखरी डांडी के फलसुआ गांव में प्रॉपर्टी विवाद में पीड़ित विधवा महिला शमा परवीन ने अपने और पुत्र पर दर्ज झूठे मामले के खिलाफ उच्च अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई।

देहरादून में प्रॉपर्टी विवाद
Dehradun: डोईवाला क्षेत्र में प्रॉपर्टी और जमीन से जुड़े मामलों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि झगड़े और फर्जीवाड़ों के मामले बढ़ने के कारण आम जनता असुरक्षा का अनुभव कर रही है। ग्रामीण और शहर दोनों क्षेत्रों में भूमि विवाद, नकली दस्तावेज और आपसी झगड़े आम हो गए हैं, जिससे कानून व्यवस्था की चुनौती बढ़ रही है।
रानी पोखरी डांडी के फलसुआ गांव में शमा परवीन नामक विधवा महिला ने प्रॉपर्टी विवाद में उच्च अधिकारियों से मदद की गुहार लगाई है। महिला का कहना है कि जमीन विवाद में उसके और उसके पुत्र के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि असली हमलावर उनके ऊपर हमला कर चुके हैं।
शमा परवीन ने बताया, “मेरे पुत्र को जानबूझकर फंसाया जा रहा है। इससे उसका भविष्य प्रभावित हो रहा है। हमें पूरी तरह से न्याय की आवश्यकता है और हम पुलिस से उचित कार्रवाई की उम्मीद रखते हैं।”
रानी पोखरी के बड़कोट क्षेत्र में जमीन से जुड़ा विवाद हिंसक रूप ले गया। दोनों पक्षों के बीच मारपीट हुई और मामला स्थानीय प्रशासन तक पहुंचा। पीड़ित महिला ने आरोप लगाया कि पुलिस ने बिना जांच के उन्हें और उनके पुत्र को आरोपी करार दिया, जबकि वास्तव में हमला उनके ऊपर किया गया था।
शमा परवीन ने कहा कि उन्हें कानून पर पूरा भरोसा है और वे चाहते हैं कि पुलिस मामले की निष्पक्ष जांच करे और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही सुनिश्चित करे। उन्होंने उच्च अधिकारियों से भी इस मामले में हस्तक्षेप की गुहार लगाई है।
स्थानीय प्रशासन ने मामले की जानकारी मिलने के बाद जांच शुरू की है। पुलिस ने प्रारंभिक तौर पर घटनास्थल का निरीक्षण किया और दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए। हालांकि पीड़ित महिला का दावा है कि पुलिस ने उनके बयान को सही ढंग से नहीं लिया और उन्हें ही आरोपी बना दिया गया।
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कानून विशेषज्ञों का कहना है कि भूमि विवादों में महिला और कमजोर वर्ग के खिलाफ अक्सर अन्याय होता है, क्योंकि नकली दस्तावेज और पक्षपातपूर्ण कार्रवाई मामले को और जटिल बना देते हैं।
Dehradun: डोईवाला क्षेत्र में प्रॉपर्टी और जमीन से जुड़े मामलों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि झगड़े और फर्जीवाड़ों के मामले बढ़ने के कारण आम जनता असुरक्षा का अनुभव कर रही है। ग्रामीण और शहर दोनों क्षेत्रों में भूमि विवाद, नकली दस्तावेज और आपसी झगड़े आम हो गए हैं, जिससे कानून व्यवस्था की चुनौती बढ़ रही है।
रानी पोखरी डांडी के फलसुआ गांव में शमा परवीन नामक विधवा महिला ने प्रॉपर्टी विवाद में उच्च अधिकारियों से मदद की गुहार लगाई है। महिला का कहना है कि जमीन विवाद में उसके और उसके पुत्र के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि असली हमलावर उनके ऊपर हमला कर चुके हैं।
शमा परवीन ने बताया, “मेरे पुत्र को जानबूझकर फंसाया जा रहा है। इससे उसका भविष्य प्रभावित हो रहा है। हमें पूरी तरह से न्याय की आवश्यकता है और हम पुलिस से उचित कार्रवाई की उम्मीद रखते हैं।”
रानी पोखरी के बड़कोट क्षेत्र में जमीन से जुड़ा विवाद हिंसक रूप ले गया। दोनों पक्षों के बीच मारपीट हुई और मामला स्थानीय प्रशासन तक पहुंचा। पीड़ित महिला ने आरोप लगाया कि पुलिस ने बिना जांच के उन्हें और उनके पुत्र को आरोपी करार दिया, जबकि वास्तव में हमला उनके ऊपर किया गया था।
शमा परवीन ने कहा कि उन्हें कानून पर पूरा भरोसा है और वे चाहते हैं कि पुलिस मामले की निष्पक्ष जांच करे और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही सुनिश्चित करे। उन्होंने उच्च अधिकारियों से भी इस मामले में हस्तक्षेप की गुहार लगाई है।
स्थानीय प्रशासन ने मामले की जानकारी मिलने के बाद जांच शुरू की है। पुलिस ने प्रारंभिक तौर पर घटनास्थल का निरीक्षण किया और दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए। हालांकि पीड़ित महिला का दावा है कि पुलिस ने उनके बयान को सही ढंग से नहीं लिया और उन्हें ही आरोपी बना दिया गया।
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