Dehradun: उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने राजधानी देहरादून में एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए नकली जीवन रक्षक दवाइयों के रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह का मास्टरमाइंड देवी दयाल गुप्ता दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है। आरोपी डॉक्टर मित्तल लैबोरेट्री प्राइवेट लिमिटेड का मालिक बताया जा रहा है, जो पिछले चार सालों से उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों में नकली ब्रांडेड दवाइयां सप्लाई कर रहा था।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार एसटीएफ के मुताबिक देवी दयाल ने वर्ष 2021 से 2025 तक करीब 1 करोड़ 42 लाख टैबलेट्स और 2 लाख से ज्यादा कैप्सूल तैयार कर नवीन बंसल नामक व्यक्ति को सप्लाई किए थे। इन नकली दवाइयों को Reelin PharmaTek और Bee Chem Biotech जैसी फर्जी कंपनियों के नाम पर ब्रांडेड कंपनियों की पैकिंग में बेचा जा रहा था। इनमें पैंटाप्राजोल, डाइक्लोसिन, लेवोसेट्रीजिन, प्रोच्लोर्पेराजिन और टेल्मिसार्टन जैसी महत्वपूर्ण दवाइयां शामिल थीं, जिन्हें Glenmark, Ipca, Intas, Alkem, Dr Reddy’s और Cadila जैसी नामी कंपनियों के नाम पर बाजार में उतारा जा रहा था।
एसटीएफ की मैनुअल इंटेलिजेंस और गहन पड़ताल के चलते इस गिरोह का पर्दाफाश हो पाया। इससे पहले इस गिरोह के तीन आरोपी – संतोष कुमार, नवीन बंसल और आदित्य काला – पहले ही गिरफ्त में आ चुके हैं। देवी दयाल की गिरफ्तारी के बाद अब एसटीएफ पूरे नेटवर्क को बेनकाब करने में जुटी हुई है।
पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ के निर्देश पर एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह भुल्लर के नेतृत्व में कार्रवाई को अंजाम दिया गया। इसे नकली दवा कारोबार के खिलाफ एक बड़ी सफलता माना जा रहा है। एसटीएफ का कहना है कि आमजन की सेहत से खिलवाड़ करने वालों पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
उत्तराखंड पुलिस की यह कार्रवाई राज्य में मिलावटखोरी और संगठित अपराधों के विरुद्ध उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। आम जनता से भी अपील की गई है कि वे किसी भी संदिग्ध दवा की जानकारी तुरंत पुलिस को दें ताकि इस तरह के अपराधों पर पूरी तरह से लगाम लगाई जा सके।

