Haridwar: हरिद्वार जनपद में एक बड़ा बैंकिंग घोटाला सामने आया है, जिसमें पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के कर्मचारियों और प्रबंधकों पर कुल 28 लाख रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगा है। ज्वालापुर क्षेत्र के कैथवाड़ा निवासी एक व्यक्ति ने आरोप लगाया है कि उसे फर्जी फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और प्रोविडेंट फंड (PF) खातों के जरिए ठगा गया है। इस मामले में अंसारी मार्केट स्थित PNB शाखा के तीन बैंक मैनेजर और एक संविदा कर्मचारी मुख्य आरोपी हैं।
क्या है पूरा मामला
पीड़ित व्यक्ति ने बताया कि आरोपियों ने उसे भरोसे में लेकर यह कहा कि यदि वह अपनी राशि एफडी और पीएफ खातों में निवेश करता है तो उसे भारी ब्याज मिलेगा। निवेश के नाम पर बैंककर्मियों ने उसे आकर्षक रिटर्न का प्रलोभन दिया और उसके बाद धीरे-धीरे 28 लाख रुपये की रकम हड़प ली। जब पीड़ित ने निवेश किया तो उसे फर्जी पासबुक और अन्य दस्तावेज सौंपे गए। जिससे वह पूरी तरह आश्वस्त हो गया कि उसकी राशि सुरक्षित और बैंकिंग तंत्र में है।
कैसे हुआ खुलासा
हालांकि, जब एफडी की अवधि पूरी हुई और वह अपना पैसा वापस लेने बैंक गया तो वहां से सच्चाई सामने आई। बैंक के रिकॉर्ड खंगालने पर पता चला कि पीड़ित के नाम से किसी भी प्रकार का एफडी या पीएफ खाता अस्तित्व में ही नहीं है। यह सुनते ही पीड़ित के होश उड़ गए।
ज्वालापुर कोतवाली पहुंचा पीड़ित
इसके बाद पीड़ित ने तुरंत ज्वालापुर कोतवाली में जाकर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामला गंभीर पाते हुए तत्काल IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी), 406 (आपराधिक विश्वासघात) और अन्य संबंधित धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली है। मामले की जांच प्रारंभ कर दी गई है। प्रारंभिक छानबीन में यह बात सामने आई है कि यह कोई एक बार की ठगी नहीं थी, बल्कि आरोपी लंबे समय से ऐसे घोटाले कर रहे थे।
पुलिस का क्या कहना है?
पुलिस ने बताया कि आरोपी बैंककर्मी एक सुनियोजित गिरोह की तरह काम कर रहे थे। वे भरोसेमंद ग्राहकों को निशाना बनाकर उन्हें आकर्षक ब्याज दरों का लालच देते थे और फिर फर्जी दस्तावेजों के जरिए निवेश की प्रक्रिया को वैध दिखाते थे। मामले की गहराई को समझते हुए पुलिस ने सभी संदिग्धों की पहचान कर ली है और उन्हें हिरासत में लेने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।