महराजगंज ARTO विभाग के हज़ारों दस्तावेज क्यों किये गए दफन, चर्चाओ का बाजार गर्म

जनपद का सबसे विवादित विभाग संभागीय परिवहन विभाग एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार नई कारामात किया गया है। दस्तावेजों को जेसीबी मशीन से गड्ढा खुदवाकर दफना दिया गया और ऊपर एक आम का पौधा लगाकर इस गहरी साज़िश को ढकने की कोशिश की गई।

Post Published By: Rohit Goyal
Updated : 8 August 2025, 3:23 PM IST

Maharajganj: जनपद के परिवहन विभाग में एक ऐसा सनसनीखेज मामला सामने आया है जिसने पूरे जिले के प्रशासनिक तंत्र को झकझोर कर रख दिया है। विभाग द्वारा हज़ारों महत्वपूर्ण सरकारी दस्तावेजों को जेसीबी मशीन से गड्ढा खुदवाकर दफना दिया गया और ऊपर एक आम का पौधा लगाकर इस गहरी साज़िश को ढकने की कोशिश की गई।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता को मिली गुप्त जानकारी के अनुसार यह पूरी कार्रवाई 20 जुलाई 2025, रविवार के दिन उस समय की गई जब सरकारी दफ्तर बंद रहते हैं। गुप्त सूचना के आधार पर खुलासा हुआ कि विभाग के कर्मचारियों ने इस दिन कार्यालय खोला, लगभग 15 फीट गहरा गड्ढा खुदवाया और उसमें लगभग 10 से 12 बोरियों में भरे वाहन ट्रांसफर, परमिट, फिटनेस और ड्राइविंग लाइसेंस से संबंधित हजारों दस्तावेजों को गुपचुप तरीके से दफना दिया।

ARTO का कबूलनामा, लेकिन जवाब अधूरा

इस मामले में एआरटीओ मनोज सिंह ने बात करते हुए स्वीकार किया कि पुराने, सड़े-गले और अपठनीय दस्तावेजों को उच्चाधिकारियों के आदेश पर नष्ट किया गया। लेकिन सवाल यह उठता है कि अगर कार्रवाई वैध थी, तो रविवार को चुपचाप क्यों की गई?

क्या दस्तावेजों की विधिवत छंटनी, सूची और स्वीकृति ली गई थी?

क्या कोई निस्तारण रजिस्टर, विभागीय आदेश या समिति की संस्तुति मौजूद है?

इन तमाम सवालों का जवाब फिलहाल प्रशासन के पास नहीं है।

स्थानीय जनता में उबाल, जांच की उठी मांग

स्थानीय समाजसेवियों और जागरूक नागरिकों का कहना है कि यह केवल कागजात नष्ट करने की प्रक्रिया नहीं, बल्कि बड़े घोटाले के सबूतों को मिटाने की कोशिश है।
उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि इस पूरे मामले की न्यायिक जांच या एसआईटी जांच करवाई जाए।

पुराने घोटालों से जुड़ सकते हैं तार

सूत्रों की मानें तो जिन दस्तावेजों को नष्ट किया गया उनमें कई पुराने विवादित आवेदनों, फर्जी वाहन स्वीकृति, लाइसेंसिंग गड़बड़ियों और परमिट रैकेट से जुड़ी फाइलें थीं।
यह भी आशंका जताई जा रही है कि इन कागजों से कई पुराने भ्रष्ट अधिकारियों की भूमिका भी सामने आ सकती थी।

पहले भी विवादों में रहे अधिकारी

गौरतलब है कि ARTO विनय कुमार पहले ही कुंभ मेले के नाम पर 10 लाख रुपये के घोटाले में फंस चुके हैं। ऐसे में अब इस नए मामले ने विभाग की छवि को और ज्यादा संदिग्ध बना दिया है।

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  • Maharajganj

Published : 
  • 8 August 2025, 3:23 PM IST