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सुल्तानपुर मेडिकल कॉलेज में मरीज से बतमीजी का वीडियो वायरल, डॉक्टर और सुरक्षाकर्मियों पर लगे गंभीर आरोप

सुल्तानपुर मेडिकल कॉलेज में मरीज के साथ डॉक्टर और सुरक्षाकर्मियों की बदसलूकी का वीडियो वायरल हुआ। पर्चा फाड़ने के झूठे आरोप और महिला के सामने अपमान ने अस्पताल की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
Post Published By: Tanya Chand
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सुल्तानपुर मेडिकल कॉलेज में मरीज से बतमीजी का वीडियो वायरल, डॉक्टर और सुरक्षाकर्मियों पर लगे गंभीर आरोप

Sultanpur: उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जनपद से एक बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां शहर के स्वशासी राजकीय मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए पहुंचे एक व्यक्ति के साथ डॉक्टरों और सुरक्षाकर्मियों द्वारा की गई बतमीजी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह पीड़ित व्यक्ति को दौड़ाकर पकड़ा गया और फिर सुरक्षाकर्मी उसे कहीं ले जाते दिखाई दे रहे हैं।

पीड़ित का आरोप
पीड़ित का आरोप है कि उसने जब डॉक्टर से इलाज के लिए पर्चा बनवाया, तो डॉक्टर ने खुद ही पर्चा फाड़ दिया और उल्टा उसी पर आरोप लगा दिया कि उसने पर्चा फाड़ा है। वायरल वीडियो में डॉक्टर का चिल्लाने और हावी होने का लहज़ा यह स्पष्ट करता है कि पर्चा किसने फाड़ा होगा।

जनता में भय का माहौल
अस्पताल, जो लोगों के लिए राहत और उपचार का स्थान होना चाहिए, वहां इस तरह की घटनाओं से आम लोगों में डर और असुरक्षा की भावना पैदा हो रही है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या मेडिकल कॉलेज में अब इलाज कराना खतरे से खाली नहीं है? क्या मरीज अब वहां अपने अधिकारों के साथ सुरक्षित नहीं हैं?

पहले भी हो चुकी हैं घटनाएं
यह कोई पहली घटना नहीं है। कुछ दिन पहले भी एक महिला मरीज ने मेडिकल कॉलेज के सुरक्षाकर्मियों और स्टाफ पर मारपीट और गाली-गलौज का आरोप लगाया था। पीड़िता ओडिशा से अपने और अपने बच्चे के इलाज के लिए सुल्तानपुर आई थी, लेकिन उसे भी अपमान और हिंसा का सामना करना पड़ा।

प्रशासन पर उठे सवाल
इन लगातार हो रही घटनाओं ने मेडिकल कॉलेज की कार्यप्रणाली और प्रशासन की निष्क्रियता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कॉलेज प्राचार्य की चुप्पी और निष्क्रिय रवैया भी जांच के घेरे में है। अब जनता और सोशल मीडिया पर यह मांग उठ रही है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो और अस्पतालों को पुनः भरोसे का केंद्र बनाया जाए, न कि भय और अपमान का।

यह पूरी घटना प्रशासन के लिए चेतावनी है कि अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए तो जनता का विश्वास चिकित्सा व्यवस्था से पूरी तरह उठ सकता है।

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