UP Teacher Transfer: यूपी में दिव्यांग शिक्षकों के लिए खुशखबरी, अब ट्रांसफर होगा मनपसंद स्कूल में; जानिए पूरी डिटेल

उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षकों के ट्रांसफर को लेकर चौंकाने वाला फैसला लिया है। अब गंभीर बीमारी, दिव्यांगता या परिवारिक कारणों से जूझ रहे शिक्षकों को मिलेगी खास वरीयता। लेकिन इस नीति के पीछे छिपा है एक और बड़ा सवाल — किस अधिकारी की लापरवाही बनी बार-बार तबादले की वजह?

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 30 July 2025, 3:21 PM IST
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New Delhi: उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षकों के ट्रांसफर को लेकर बड़ा और संवेदनशील फैसला लिया है, जिसने पूरे शिक्षा विभाग में हलचल मचा दी है। अब ऐसे शिक्षक जो दिव्यांग हैं, असाध्य बीमारी से जूझ रहे हैं या कैंसर जैसी गंभीर स्थिति में हैं, उन्हें ट्रांसफर प्रक्रिया में प्राथमिकता दी जाएगी। इस नई नीति का मुख्य उद्देश्य इन शिक्षकों को राहत देना और मानवीय दृष्टिकोण से फैसला लेना है।

पूरे शिक्षा विभाग में हलचल

सूत्रों के अनुसार, राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के स्थानांतरण की प्रक्रिया में यह नई व्यवस्था लागू की गई है। खास बात यह है कि जिन शिक्षकों की सेवा दो साल से कम है और वे गंभीर स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं, उन्हें भी नजदीकी विद्यालयों में तैनाती दी जाएगी। यदि मांगे गए स्थान पर पद खाली नहीं है, तो वरिष्ठता के आधार पर आसपास के स्कूल में नियुक्ति दी जाएगी।

शिक्षकों से यह भी कहा गया है कि जो लोग स्कूल के विकल्प पहले ही वरीयता क्रम में दे चुके हैं, उनकी उसी अनुसार प्राथमिकता दी जाएगी। ट्रांसफर प्रक्रिया की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए शिक्षा विभाग ने प्रयागराज और लखनऊ के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे यह स्पष्ट करें कि जब एक बार शिक्षक का ट्रांसफर कर जॉइन करवा दिया गया था, तो दोबारा तबादला क्यों किया गया? इसके पीछे जिम्मेदार अधिकारियों के नाम रिपोर्ट में अनिवार्य रूप से लिखे जाने होंगे।

मई 2025 में एलटी और प्रवक्ता ग्रेड के शिक्षकों को प्रिंसिपल पद पर प्रमोट किया गया था। हालांकि उस सूची में नामित 30% शिक्षकों ने ही नई पोस्टिंग पर जॉइन किया। बाकी शिक्षकों ने पारिवारिक या स्वास्थ्य संबंधी कारणों से पास के स्कूलों में तबादले की मांग की। इसके बाद बड़ी संख्या में तबादले के संशोधन के लिए आवेदन आए।

शिक्षकों की इस मांग को मानते हुए शिक्षा विभाग ने नीति में बदलाव किया और निर्देश दिया कि दिव्यांग, कैंसर पीड़ित या गंभीर बीमारियों से जूझ रहे शिक्षक, या उनके आश्रितों को प्राथमिकता के आधार पर उनकी वांछित लोकेशन पर ट्रांसफर किया जाए।

यह कदम जहां शिक्षकों के लिए राहतभरा है, वहीं ट्रांसफर प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक ठोस प्रयास भी है। रिपोर्ट में अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करना इस प्रक्रिया को और मजबूत बनाएगा।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 30 July 2025, 3:21 PM IST

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