Gorakhpur: गोरखपुर के गोला उपनगर के वार्ड नंबर 14, बेवरी में सोमवार की शाम एक हृदयविदारक घटना ने पूरे मोहल्ले को झकझोर कर रख दिया। 22 वर्षीय मोनू निषाद की हैंडपंप की मोटर में उतरे विद्युत प्रवाह की चपेट में आने से दर्दनाक मौत हो गई, जबकि उसे बचाने की कोशिश में उसकी माँ भगानी (53) और छोटा भाई शैलू (18) भी करंट की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गए। इस हादसे ने न केवल एक परिवार को तोड़ दिया, बल्कि पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ा दी।
हादसे का मंजर
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, सोमवार शाम करीब 5:30 बजे मोनू अपने घर के हैंडपंप की मोटर चालू करने गया। मोटर शुरू करने के बाद जैसे ही उसने नल को छुआ, वह अचानक विद्युत प्रवाह की चपेट में आ गया और नल से चिपक गया। उसकी चीखें सुनकर पास में मौजूद छोटा भाई शैलू और माँ भगानी उसे बचाने दौड़े, लेकिन करंट की तीव्रता इतनी थी कि वे भी उसकी चपेट में आ गए और दूर छिटक कर गिर पड़े। दोनों ने शोर मचाना शुरू किया, जिसे सुनकर पड़ोस का एक युवक मौके पर पहुंचा। उसने तुरंत गोला पावर हाउस पर फोन कर बिजली कटवाने की गुहार लगाई।
हालांकि, बिजली आपूर्ति बंद होने में करीब 10 मिनट का समय लग गया। इस दौरान मोनू करंट की चपेट में रहा। बिजली कटने के बाद परिजन उसे तुरंत गोला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले गए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। माँ भगानी और भाई शैलू का इलाज सीएचसी में ही चल रहा है। दोनों की हालत स्थिर बताई जा रही है, लेकिन सदमे और चोटों ने उन्हें शारीरिक व मानसिक रूप से तोड़ दिया है।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
मोनू तीन भाइयों में दूसरे नंबर पर था। उसकी शादी अभी बीते जून में हुई थी, और उसकी पत्नी एक सप्ताह पहले ही अपने मायके गई थी। मोनू खेती करके अपने परिवार का भरण-पोषण करता था। उसकी अचानक मौत की खबर सुनकर पत्नी और परिजनों में कोहराम मच गया। घर में मातम पसरा हुआ है, और मोहल्ले के लोग भी इस दुखद घटना से स्तब्ध हैं। खबर लिखे जाने तक मोनू का शव घर पर ही था, और परिजन अंतिम संस्कार की तैयारियों में जुटे थे।
लापरवाही पर सवाल
इस हादसे ने एक बार फिर बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं। हैंडपंप की मोटर में करंट उतरने की वजह से इतना बड़ा हादसा हुआ, लेकिन बिजली कटने में 10 मिनट का समय लगना स्थानीय लोगों के लिए गुस्से का कारण बन गया है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर बिजली तुरंत कट जाती, तो शायद मोनू की जान बच सकती थी। इस घटना ने बिजली के बुनियादी ढांचे और रखरखाव की खामियों को फिर से उजागर कर दिया है।
एक परिवार की त्रासदी, समाज का दर्द
मोनू की मौत ने न केवल उसके परिवार को, बल्कि पूरे बेवरी मोहल्ले को गहरे सदमे में डाल दिया है। नवविवाहित युवक की असमय मृत्यु और उसके माँ-भाई की हालत ने सभी के दिलों को छू लिया।
यह हादसा हमें बिजली के उपकरणों के इस्तेमाल में सावधानी और प्रशासन की त्वरित कार्रवाई की जरूरत को याद दिलाता है।
स्थानीय प्रशासन और बिजली विभाग से मांग की जा रही है कि इस घटना की जांच हो और भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। फिलहाल, मोनू के परिवार के लिए यह दुख सहना आसान नहीं है, और समाज उनके साथ खड़ा है।