रायबरेली: केंद्र व राज्य सरकार सड़क निर्माण कार्यों को लेकर वाहवाही लेने का काम बखूबी कर रही है लेकिन ग्रामीण स्तर पर आज भी प्रदेश पिछड़ा हुआ है। सरेनी विकास खंड के तिवारीन का पुरवा गांव में पिछले 20 वर्षों से सड़क का निर्माण नहीं हुआ है। इस कारण ग्रामीण गंभीर समस्याओं का सामना कर रहे हैं। आज आक्रोशित ग्रामीणों ने एकत्रित होकर विरोध प्रदर्शन किया।
शीतलखेड़ा तक सड़क निर्माण की मांग…
सत्यम मिश्रा, कमलेश मिश्रा, अजय तिवारी, राजन तिवारी, लालू तिवारी, आयुष तिवारी और जतिन मिश्रा सहित कई ग्रामीण इस प्रदर्शन में शामिल हुए। उन्होंने पूरे बघेलन का पुरवा से तिवारिन का पुरवा होते हुए शीतलखेड़ा तक सड़क निर्माण की मांग की है। उन्होंने यह भी भगाया की यहाँ पर यदि कोई बीमार हो जायर तो उसे सड़क ठीक न होने के चलते शहर ले जाना बहुत मुश्किल हो जाता है।
बरसात समाप्त होते ही सड़क का निर्माण
ग्रामीणों का कहना है कि सड़क न होने से एंबुलेंस जैसी आपातकालीन सेवाएं भी गांव तक नहीं पहुंच पातीं। उन्होंने सरकार से अपील की है कि बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए इस सड़क का निर्माण कराया जाए। इस मामले पर खंड विकास अधिकारी प्रमोद कुमार ने बताया कि यह समस्या उनके संज्ञान में है। उन्होंने आश्वासन दिया कि बरसात समाप्त होते ही सड़क का निर्माण कर दिया जाएगा।
प्रशासन इस समस्या पर ध्यान दे
स्थानीय निवासियों का आरोप है कि पिछले दशक से वे इस समस्या से जूझ रहे हैं। न तो स्थानीय नेता और न ही प्रशासन इस समस्या पर ध्यान दे रहा है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर वर्तमान विधायक और राज्य मंत्री इस मुद्दे पर ध्यान नहीं देंगे, तो प्रभावित गांवों के लोग विधानसभा और लोकसभा चुनावों का बहिष्कार करेंगे।
बुनियादी सुविधाओं के अभाव को उजागर
जबकि राज्य सरकार डिजिटल इंडिया और क्लीन यूपी-ग्रीन यूपी जैसी योजनाओं पर जोर दे रही है, ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं की कमी अभी भी बनी हुई है। इस घटना ने एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं के अभाव को उजागर किया है।
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